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संजय निषाद का बीजेपी पर हमला: गठबंधन तोड़ने की दी चेतावनी

डॉ. संजय निषाद ने अपने हालिया बयानों में बीजेपी को चेतावनी दी है कि यदि उनकी पार्टी को कोई लाभ नहीं मिलता, तो वे गठबंधन तोड़ने में संकोच नहीं करेंगे। उन्होंने पूर्व राज्यसभा सांसद जयप्रकाश निषाद पर भी निशाना साधा और आरक्षण की मांग को लेकर अपने संघर्ष का जिक्र किया। निषाद पार्टी आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में भी भाग लेने की योजना बना रही है। जानें उनके बयानों के पीछे की सच्चाई और राजनीति में उनके प्रभाव के बारे में।
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संजय निषाद का बीजेपी पर हमला: गठबंधन तोड़ने की दी चेतावनी

संजय निषाद का बयान

Sanjay Nishad BJP Alliance : योगी आदित्यनाथ की सरकार में कैबिनेट मंत्री और निषाद पार्टी के प्रमुख डॉ. संजय निषाद ने अपने तीखे बयानों से राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि यदि बीजेपी को उनकी पार्टी से कोई लाभ नहीं दिखता, तो गठबंधन तोड़ने में उन्हें कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन छोटे नेताओं के माध्यम से अपमानित नहीं किया जाना चाहिए। इसके साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी में शामिल कुछ "आयातित नेता" जो पहले सपा, बसपा और कांग्रेस में थे, अब अपने बड़बोलेपन से पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचा रहे हैं।


पूर्व राज्यसभा सांसद पर निशाना

पूर्व राज्यसभा सांसद पर निशाना
गोरखपुर के एनेक्सी भवन में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान डॉ. संजय निषाद का गुस्सा स्पष्ट था। उन्होंने सीधे नाम नहीं लिया, लेकिन इशारों में पूर्व राज्यसभा सांसद जयप्रकाश निषाद पर हमला किया। उन्होंने कहा कि यह नेता पहले हाथी (बसपा का प्रतीक) पर सवार थे, अब कमल (बीजेपी का प्रतीक) थामे हुए हैं। साथ ही, यह दावा करते हैं कि वे निषादों को टिकट दिला सकते हैं, जबकि खुद का टिकट तय नहीं है। संजय निषाद ने यह भी कहा कि यदि ये नेता उनकी पार्टी में शामिल होना चाहते हैं, तो उन्हें पहले आरक्षण की मांग के लिए संघर्ष करना होगा और सड़कों पर उतरना होगा।


गठबंधन की ताकत और 2018 की जीत की याद

गठबंधन की ताकत और 2018 की जीत की याद
संजय निषाद ने बीजेपी को 2018 की याद दिलाई, जब सपा-बसपा गठबंधन के बावजूद निषाद पार्टी के समर्थन से बीजेपी को बड़ी जीत मिली थी। उन्होंने बीजेपी नेताओं को चेतावनी दी कि सत्ता के घमंड में कोई भी नेता न रहे, क्योंकि गठबंधन से ही जीत की राह आसान होती है।


आरक्षण के लिए संघर्ष और 10वां स्थापना दिवस

आरक्षण के लिए संघर्ष और 10वां स्थापना दिवस
डॉ. निषाद ने अपने समाज के लिए अनुसूचित जाति (SC) में शामिल होने की मांग को लेकर लंबे समय से चल रहे संघर्ष का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि 2013 से यह आंदोलन शुरू हुआ था, और अब देशभर के 75 जिलों में इसे समर्थन मिल रहा है। 20 अगस्त को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में निषाद पार्टी ने अपना 10वां स्थापना दिवस मनाया, जहां हजारों की संख्या में मछुआरा समाज के लोग जुटे थे। इस अवसर पर उन्होंने निषाद आरक्षण की मांग को फिर से प्रमुखता से उठाया।


पारिवारिक राजनीति से दूरी, बेटे को पद से हटाया

पारिवारिक राजनीति से दूरी, बेटे को पद से हटाया
डॉ. संजय निषाद ने यह भी स्पष्ट किया कि उन्होंने परिवारवाद से ऊपर उठकर राजनीति की है। इसी कारण उन्होंने अपने बेटे और पार्टी विधायक सरवन निषाद को प्रदेश प्रभारी पद से हटा दिया। उन्होंने अन्य दलों के नेताओं को चुनौती दी कि क्या वे भी ऐसा कर सकते हैं?


बिहार चुनाव में निषाद पार्टी की तैयारी

बिहार चुनाव में निषाद पार्टी की तैयारी
संजय निषाद ने घोषणा की कि उनकी पार्टी आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में भी हिस्सा लेगी। इसके लिए तैयारियां जोरों पर हैं और संगठन को मजबूत किया जा रहा है। वे स्वयं जल्द ही बिहार के जिलों का दौरा करेंगे और कार्यकर्ताओं से संवाद करेंगे, जिसके बाद उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया जाएगा।


भगवान राम में आस्था और योगी को मार्गदर्शक बताया

भगवान राम में आस्था और योगी को मार्गदर्शक बताया
अपने संबोधन में डॉ. निषाद ने कहा कि वे भगवान राम को मानते हैं और खुद को निषादराज का वंशज मानते हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अपना मार्गदर्शक बताया, लेकिन साथ ही यह भी जताया कि अगर सम्मान नहीं मिला, तो गठबंधन को लेकर फैसला भी लिया जा सकता है।