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संजय राउत ने मोदी सरकार पर उठाए गंभीर सवाल

शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने मोदी के तीसरे कार्यकाल के पहले वर्ष को असफल बताते हुए विदेश नीति, सुरक्षा और बुनियादी सुविधाओं पर सवाल उठाए। राउत ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में देश की दिशा में गिरावट आई है और मोदी सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठाया। उन्होंने बुलेट ट्रेन परियोजना पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार की प्राथमिकता गरीबों की जरूरतों से दूर है। जानें राउत के अन्य आरोप और उनकी मांगें।
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संजय राउत ने मोदी सरकार पर उठाए गंभीर सवाल

संजय राउत का मोदी सरकार पर हमला

शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार की नीतियों पर तीखा हमला किया। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले वर्ष को असफल करार दिया और विदेश नीति, सुरक्षा, और बुनियादी ढांचे के मुद्दों पर गंभीर सवाल उठाए।


राउत ने कहा कि मोदी का तीसरा कार्यकाल शुरू हो चुका है, लेकिन पहले वर्ष में कोई महत्वपूर्ण प्रगति नहीं हुई।


उन्होंने यह भी कहा कि मोदी की ‘संख्याओं की राजनीति’ 240 सीटों पर अटक गई है और उनकी अन्य योजनाएं भी अधूरी रह गई हैं।


राउत ने सवाल किया, “यह साल बेमिसाल नहीं है, आखिर क्या हुआ?”


उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले 10 वर्षों में देश की दिशा और दशा में गिरावट आई है। इस वर्ष 26 महिलाओं का सिंदूर उजड़ा, लेकिन मोदी चुप हैं।


राउत ने कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध की घोषणाएं की गईं, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।


उन्होंने मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि यह देश को कमजोर कर रही है। राउत ने कहा, “70 वर्षों में देश ने ऐसी लाचारी नहीं देखी, जो मोदी के कार्यकाल में देखने को मिली। देश छोटे देशों और कनाडा के सामने झुक रहा है।”


उन्होंने विदेश नीति को पूरी तरह से बर्बाद बताया और कहा कि पाकिस्तान को चीन, रूस, तुर्की, अजरबैजान, अमेरिका, आईएमएफ, और एशियाई विकास बैंक का समर्थन मिला है, जबकि भारत जवाब देने में असफल रहा है।


राउत ने संसद के विशेष सत्र की मांग का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि शिवसेना (यूबीटी) ने पाकिस्तान को चार टुकड़ों में बांटने और उसकी हरकतों का जवाब देने की मांग की थी, लेकिन सरकार ने कुछ नहीं किया। उन्होंने विदेश भेजे गए प्रतिनिधिमंडलों को राजनीतिक आयोजन करार दिया और कहा कि वह जल्द ही केंद्रीय मंत्रियों और प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों से मुलाकात कर उनका फीडबैक लेंगे।


संजय राउत ने बुलेट ट्रेन परियोजना पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि मुंबई से अहमदाबाद तक बुलेट ट्रेन पर पूरा ध्यान और बजट दिया जा रहा है, लेकिन लोकल ट्रेनों की स्थिति पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। गरीब लोग लोकल ट्रेनों से यात्रा करते हैं, लेकिन सरकार की प्राथमिकता बुलेट ट्रेन है। यह सुरक्षा और जरूरतों की अनदेखी करना है।


उन्होंने मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि यह देश को कमजोर और लाचार बना रही है, और हर मोर्चे पर सरकार नाकाम रही है।