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संजय शिरसाठ पर नए आरोप: AIMIM नेता ने उठाए गंभीर सवाल

महाराष्ट्र के मंत्री संजय शिरसाठ और उनके परिवार पर विवादों का नया सिलसिला शुरू हो गया है। AIMIM नेता इम्तियाज जलील ने उन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि उन्होंने एमआईडीसी की जमीन का दुरुपयोग कर अपने बेटे के लिए शराब की फैक्ट्री खोलने की योजना बनाई है। इस मामले में जलील ने जांच की मांग की है और कहा है कि यह केवल भ्रष्टाचार का मामला नहीं, बल्कि नैतिकता का भी उल्लंघन है। जानें इस विवाद की पूरी कहानी और इसके पीछे के तथ्यों को।
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संजय शिरसाठ पर नए आरोप: AIMIM नेता ने उठाए गंभीर सवाल

महाराष्ट्र में विवादों का नया दौर

मुंबई समाचार: महाराष्ट्र की देवेंद्र फडणवीस सरकार में सामाजिक न्याय विभाग के मंत्री संजय शिरसाठ और उनके परिवार के खिलाफ विवादों का सिलसिला जारी है। पहले उनके बेटे सिद्धांत शिरसाठ पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगा, लेकिन शिकायतकर्ता ने 24 घंटे के भीतर अपना बयान बदल लिया। इसके बाद विट्स होटल खरीदने के मामले में सरकारी तंत्र के दुरुपयोग के आरोप भी सामने आए। अब AIMIM के प्रदेशाध्यक्ष इम्तियाज जलील ने शिरसाठ पर एक नया और गंभीर आरोप लगाया है।


क्या है पूरा मामला?

इम्तियाज जलील ने आरोप लगाया है कि मंत्री पद का दुरुपयोग करते हुए शिरसाठ ने एमआईडीसी की कीमती जमीन अपने बेटे के नाम पर हासिल की और वहां शराब की फैक्ट्री खोलने की योजना बना रहे हैं। जलील के अनुसार, इस प्रोजेक्ट की कुल लागत लगभग 105 करोड़ 89 लाख रुपये है, जिसे Cameo Distillery Pvt. Ltd. नामक कंपनी के माध्यम से पूरा किया जा रहा है। इस कंपनी में संजय शिरसाठ की पत्नी विजया और बेटा सिद्धांत डायरेक्टर हैं।


आरोपों की गंभीरता

एमआईडीसी शेंद्रा क्षेत्र में लगभग 5 एकड़ जमीन सिद्धांत शिरसाठ को केवल 6.09 करोड़ रुपये में दी गई। यह जमीन पहले ट्रक टर्मिनल के लिए आरक्षित थी, लेकिन इसे शराब फैक्ट्री के लिए मंजूरी दी गई। इस प्रोजेक्ट में सिद्धांत शिरसाठ 26 करोड़ रुपये का निवेश करेंगे, जबकि शेष 79.42 करोड़ रुपये का बैंक लोन लिया जाएगा।


बैंक की भूमिका पर सवाल

कंपनी की शुरुआत में भावेन अमीन और एक बड़े बिल्डर को डायरेक्टर बनाया गया था, लेकिन जमीन मिलने के बाद उन्होंने नवंबर 2023 में इस्तीफा दे दिया। अब कंपनी में केवल विजया और सिद्धांत शिरसाठ ही डायरेक्टर हैं। विजया ने डायरेक्टर बनने के लिए 2 लाख रुपये का भुगतान किया, जबकि उनका पेशा गृहिणी बताया गया है। इसके बावजूद, युको बैंक ने उन्हें 12.56 करोड़ रुपये का लोन स्वीकृत किया, जबकि उनकी सालाना आय केवल 25 लाख रुपये बताई गई है। जलील ने सवाल उठाया है, “क्या अल्कोहल और स्पिरिट खाद्य उत्पादों की श्रेणी में आते हैं?”


जांच की मांग

इम्तियाज जलील ने यह भी आरोप लगाया कि इस जमीन की खरीद और डी-रिजर्वेशन में एमआईडीसी अधिकारियों की मिलीभगत है और उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा, “मैं इस मामले में एमआईडीसी, सीआईडी, ईडी, आयकर विभाग और मुख्यमंत्री से शिकायत करूंगा। यह केवल भ्रष्टाचार का मामला नहीं है, बल्कि नैतिकता और लोकसेवा की भी गंभीर अवहेलना है।”


पुराने आरोपों का जिक्र

जलील ने यह भी कहा कि पूर्व पालकमंत्री सुभाष देसाई ने चिकलठाणा क्षेत्र में भी गड़बड़ियां की थीं और उन्होंने उस समय चुनौती दी थी, लेकिन अभी तक मानहानि का नोटिस नहीं भेजा गया। “मंत्री संजय शिरसाठ सोच-समझकर बोलें, मेरे पास पूरे दस्तावेजी सबूत हैं। अगर वास्तव में जनता की सेवा करनी है तो उस जमीन पर शराब फैक्ट्री की जगह स्कूल बनवाएं।”