संजय सिंह का केंद्र सरकार पर हमला: अमेरिका की भूमिका और पहलगाम हमले पर सवाल

राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा
राज्यसभा में मंगलवार को ऑपरेशन सिंदूर पर हुई विशेष चर्चा में आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने केंद्र सरकार पर तीखा प्रहार किया. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया कि उन्होंने अमेरिका की मध्यस्थता स्वीकार कर भारत की भावनाओं के साथ विश्वासघात किया है. संजय सिंह ने यह भी कहा कि सीजफायर की घोषणा भारत की ओर से नहीं, बल्कि अमेरिका की धरती से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा की गई, जो भारत की संप्रभुता पर सवाल खड़ा करता है.
पहलगाम हमला और सरकार की नाकामी
संजय सिंह ने पहलगाम में हुए हमले पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान कश्मीर के 16 नागरिकों की जान गई और कई जवान शहीद हुए. उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि वह इस गंभीर हमले की जिम्मेदारी लेने के बजाय अपनी उपलब्धियों का ढोल पीट रही है. उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर पांच आतंकवादी भारत की सीमा के 200 किलोमीटर अंदर तक कैसे घुस आए और बैसरन घाटी में आम लोगों पर हमला कैसे कर पाए?
उन्होंने कहा कि सर्वदलीय बैठक में सरकार ने विपक्ष को गुमराह किया और कहा कि बैसरन घाटी केवल अमरनाथ यात्रा के दौरान खोली जाती है. लेकिन बाद में पता चला कि वह हमेशा आम लोगों के लिए खुली रहती है. उन्होंने सुरक्षा व्यवस्था की कमी को लेकर भी सरकार को घेरा.
पीएम की प्राथमिकता पर सवाल
संजय सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी की प्राथमिकताओं पर सवाल उठाते हुए कहा कि पहलगाम की घटना के बाद देश को उम्मीद थी कि पीएम वहां जाएंगे, लेकिन वे चुनाव प्रचार में व्यस्त रहे. उन्होंने बिहार, महाराष्ट्र और अन्य राज्यों में चुनावी रैलियों और उद्घाटन कार्यक्रमों में हिस्सा लिया लेकिन पहलगाम नहीं गए.
उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि पीएम खुद को 'नॉन बायोलॉजिकल' कहते हैं और इसलिए सदन की बहसों में भी शामिल नहीं होते. इतने गंभीर विषय पर प्रधानमंत्री ने दोनों सदनों में अपनी उपस्थिति नहीं दी.
सेना और अग्निवीर योजना पर आलोचना
संजय सिंह ने सेना की स्थिति पर चिंता जताई. उन्होंने बताया कि तीन वर्षों तक सेना में भर्ती नहीं हुई, जिससे लगभग 1.80 लाख पद खाली रह गए. सरकार ने अग्निपथ योजना के तहत केवल चार साल की सेवा की योजना लागू की लेकिन वेतन और पेंशन को लेकर कोई ठोस योजना नहीं बनाई. उन्होंने कहा कि सरकार के पास अरबपतियों को टैक्स में छूट देने के लिए पैसे हैं लेकिन जवानों को शहीद का दर्जा देने या पेंशन देने के लिए नहीं.
अमेरिकी हस्तक्षेप और अंतरराष्ट्रीय राजनीति
उन्होंने सीजफायर की घोषणा को लेकर अमेरिका की भूमिका पर गहरा सवाल उठाया. 10 मई को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत-पाक सीजफायर की घोषणा ट्विटर के माध्यम से की, जबकि भारत सरकार का दावा था कि यह उनका खुद का निर्णय था. बाद में अमेरिकी अधिकारियों और सीनेट सदस्यों ने भी इस बातचीत की पुष्टि की.
संजय सिंह ने कहा कि पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र की एंटी-टेरर कमेटी का उपाध्यक्ष अमेरिका के कहने पर बनाया गया, जबकि पाकिस्तान खुद आतंकवाद का संरक्षक है. ओसामा बिन लादेन, मसूद अजहर, हाफिज सईद जैसे आतंकवादियों को पाकिस्तान ने शरण दी और भारत पर हमले करवाए.
चीन और ड्रग्स व्यापार पर हमला
संजय सिंह ने कहा कि चीन पाकिस्तान को मिसाइल दे रहा है और भारत सरकार चीन से व्यापार कर रही है. उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्षों में भारत ने चीन से लगभग 37 लाख करोड़ का आयात किया, जिससे चीन को आर्थिक सहायता मिली जो अंततः पाकिस्तान की सैन्य क्षमताओं को बढ़ाता है.
ड्रग्स के मुद्दे पर उन्होंने अडानी के मुंद्रा पोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि वहां से हजारों करोड़ की ड्रग्स पकड़ी गई, लेकिन सरकार ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की. उन्होंने आरोप लगाया कि यह ड्रग्स आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए प्रयोग की जा रही है और प्रधानमंत्री के करीबी लोगों पर कोई जांच नहीं होती.
भीतरूनी सुरक्षा और सोशल मीडिया ट्रोलिंग
उन्होंने भाजपा नेताओं द्वारा सेना के अधिकारियों और उनकी बेटियों के खिलाफ की गई आपत्तिजनक टिप्पणियों पर भी सरकार को घेरा. विदेश सचिव विक्रम मिश्री की बेटी के खिलाफ सोशल मीडिया पर की गई टिप्पणियों को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की गई और उल्टा उन्हें अपना अकाउंट बंद करना पड़ा.
विपक्ष की भूमिका और अपील
संजय सिंह ने कहा कि विपक्ष जब भी देश संकट में होगा, सरकार के साथ खड़ा रहेगा. लेकिन सरकार को गद्दार और देशद्रोही जैसे शब्दों से जनता को बांटना बंद करना चाहिए. उन्होंने बताया कि आम आदमी पार्टी के सांसद विदेशों में जाकर भारत का पक्ष रखते हैं, लेकिन जब राजनीतिक लाभ की बात आती है, तब सरकार विपक्ष को अपमानित करती है.