संजय सिंह ने मोदी सरकार पर ट्रंप के टैरिफ को लेकर किया तीखा हमला

संजय सिंह का मोदी पर हमला
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ को लेकर कड़ा हमला किया है। उन्होंने कहा कि ट्रंप ने भारत के खिलाफ कठोर रुख अपनाया है, जबकि मोदी सरकार इस पर चुप्पी साधे हुए है। संजय सिंह ने अमेरिकी टैरिफ के कारण भारतीय शेयर बाजार में आई गिरावट को देश की आर्थिक स्थिति के लिए गंभीर खतरा बताया और कहा कि मोदी सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि वह इस संकट से निपटने के लिए क्या कदम उठा रही है।
ट्रंप के बयान पर संजय सिंह की प्रतिक्रिया
संजय सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का ट्रंप के प्रति प्रेम एकतरफा है, क्योंकि ट्रंप अब भारत के बारे में अपमानजनक टिप्पणियाँ कर रहे हैं। ट्रंप का कहना है कि भारत की अर्थव्यवस्था संकट में है और अमेरिका अब पाकिस्तान में तेल खोजकर भारत को बेचेगा। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि जब ट्रंप भारत को कमजोर बताकर रूस से तेल खरीदने पर रोक लगाना चाहते हैं, तब प्रधानमंत्री मोदी चुप क्यों हैं? उन्होंने कहा कि रूस भारत का पारंपरिक मित्र है और उसने यूएन में भारत का समर्थन किया है।
शेयर बाजार में गिरावट का असर
संजय सिंह ने बताया कि अमेरिकी टैरिफ के कारण भारतीय शेयर बाजार में 800 अंकों की गिरावट आई है, जिससे निवेशकों के लाखों करोड़ रुपए डूब गए हैं। उन्होंने इसे सरकार की आर्थिक नीतियों की असफलता और आम जनता के साथ विश्वासघात बताया। उन्होंने कहा कि लाखों लोग अपनी मेहनत की कमाई से निवेश करते हैं, लेकिन सरकार उनकी अनदेखी कर रही है। उन्होंने संसद में नियम 267 के तहत नोटिस देकर मांग की है कि प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री संसद में आकर जवाब दें।
अडानी को बचाने की कोशिशों पर सवाल
संजय सिंह ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि वह अपने पूंजीपति मित्र अडानी को बचाने के लिए भारत की पूरी अर्थव्यवस्था को खतरे में डाल रही है। उन्होंने कहा कि अमेरिका की शर्तों के आगे झुककर मोदी सरकार ने खुद को कमजोर साबित किया है। उन्होंने यह भी दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी के एक मित्र का कोई मामला अमेरिका में फंसा हुआ है, और इसी कारण ट्रंप बार-बार भारत पर दबाव बना रहे हैं।
जल परियोजनाओं पर चिंता
केंद्र सरकार की जल परियोजनाओं को लेकर भी संजय सिंह ने चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि इन परियोजनाओं के निर्माण में कितना समय लगेगा और क्या इनका उद्घाटन होने से पहले ही टूट जाना तय है? उन्होंने आशंका जताई कि इन योजनाओं में भ्रष्टाचार हो सकता है, इसलिए सरकार को पारदर्शिता के साथ काम करना चाहिए।