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संजय सिंह ने सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी पर मोदी सरकार को घेरा

आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी पर मोदी सरकार को कठोर शब्दों में घेरा। उन्होंने वांगचुक को देशभक्त और सरकार को तानाशाह करार दिया। वांगचुक की मांगें लद्दाख के लोगों के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार से जुड़ी हैं। संजय सिंह ने इस गिरफ्तारी को तानाशाही का प्रतीक बताते हुए चेतावनी दी कि इससे जन विद्रोह भड़क सकता है। यह मामला अब केवल लद्दाख का नहीं, बल्कि लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का भी है।
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संजय सिंह ने सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी पर मोदी सरकार को घेरा

संजय सिंह का तीखा बयान

Sanjay Singh News: आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी को लेकर केंद्र सरकार पर कड़ा हमला किया है। उन्होंने वांगचुक को देशभक्त और सरकार को तानाशाह बताया। वांगचुक लद्दाख-कारगिल को पूर्ण राज्य का दर्जा, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार की मांग के लिए गांधीवादी तरीके से आंदोलन कर रहे थे। उनकी गिरफ्तारी पर एनएसए लगाना और आंदोलन को दबाना जन विद्रोह को जन्म दे सकता है। आम आदमी पार्टी वांगचुक और लद्दाख की जनता के साथ खड़ी है.


लद्दाख की आवाज़ को दबाने की कोशिश

लद्दाख की शांत वादियों से उठी आवाज को दबाने की कोशिश ने देश का ध्यान खींचा है। सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी ने केंद्र सरकार की मंशा पर सवाल उठाए हैं। यह मामला केवल एक व्यक्ति की गिरफ्तारी नहीं, बल्कि लद्दाख की जनता के हक की लड़ाई का प्रतीक है। संजय सिंह ने इसे तानाशाही का सबूत बताते हुए बताया कि कैसे सरकार शांतिपूर्ण मांगों को कुचल रही है, जिससे सीमावर्ती क्षेत्र में अशांति का खतरा बढ़ सकता है.


गांधीवादी की गिरफ्तारी

सोनम वांगचुक, जो शिक्षा और सामाजिक सुधार के लिए लंबे समय से काम कर रहे हैं, को शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया। वे लद्दाख से दिल्ली तक पदयात्रा कर सरकार से छठी अनुसूची लागू करने और पूर्ण राज्य की मांग कर रहे थे। संजय सिंह ने कहा कि वांगचुक ने कभी हिंसा का समर्थन नहीं किया। जब आंदोलन हिंसक होने लगा, तब उन्होंने अनशन तोड़ा और शांति की अपील की। फिर भी, उन पर एनएसए जैसे कठोर कानून का इस्तेमाल किया गया.


लद्दाख की मांगें

वांगचुक की मांगें लद्दाख के लोगों के लिए शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य सेवाएं और पूर्ण राज्य का दर्जा हैं। संजय सिंह ने कहा कि लद्दाख की जनता ने हमेशा देश का साथ दिया, खासकर चीन के खिलाफ। ऐसे में उनकी आवाज दबाना और वांगचुक को देशद्रोही करार देना निंदनीय है। यह कदम सीमावर्ती क्षेत्र में असंतोष को भड़का सकता है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बन सकता है.


सरकार की तानाशाही

संजय सिंह ने मोदी सरकार पर मानसिक दिवालियापन का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि वांगचुक की शांतिपूर्ण मांगों को अनसुना कर, उनकी गिरफ्तारी करवाना हिटलरशाही का प्रतीक है। लद्दाख की जनता का आंदोलन दबाने की कोशिश जन विद्रोह को न्योता दे सकती है। वांगचुक ने बच्चों को पढ़ाने और सामाजिक बदलाव के लिए जीवन समर्पित किया, फिर भी उन्हें अपराधी बना दिया गया.


लद्दाख का भविष्य

लद्दाख के लोग हमेशा से भारतीय सेना और सरकार के साथ खड़े रहे हैं। संजय सिंह ने चेतावनी दी कि उनकी मांगों को अनदेखा करना और वांगचुक पर अत्याचार करना गलत साबित होगा। आम आदमी पार्टी ने वांगचुक और लद्दाख की जनता के साथ पूरी तरह खड़े होने का ऐलान किया है। यह मामला अब केवल लद्दाख का नहीं, बल्कि लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सवाल बन गया है.