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संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आतंकियों की सूची पर पाकिस्तान की आपत्ति

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने हाल ही में आतंकियों की एक सूची जारी की है, जिसमें सभी नाम मुस्लिम हैं। इस पर पाकिस्तान ने अपनी नाराजगी व्यक्त की है, जबकि भारत ने पाकिस्तान के आतंकवादी संगठनों और चीन की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। बैठक में इस्लामोफोबिया और दोहरे मानदंडों पर भी चर्चा हुई। पाकिस्तान ने नए डिजिटल साधनों के उपयोग के संदर्भ में यूएनएससी से निगरानी व्यवस्थाओं में बदलाव की मांग की है।
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संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आतंकियों की सूची पर पाकिस्तान की आपत्ति

पाकिस्तान ने उठाए सवाल

नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) ने हाल ही में आतंकियों की एक सूची जारी की है, जिसमें सभी नाम मुस्लिम हैं। इस पर पाकिस्तान ने अपनी नाराजगी व्यक्त की है। पाकिस्तान के स्थायी राजदूत असीम इफ्तिखार अहमद ने कहा कि यह अस्वीकार्य है कि सूची में केवल मुस्लिम नाम शामिल हैं। भारत ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए पाकिस्तान के आतंकवादी संगठनों और चीन की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। यूएनएससी की बैठक में इस्लामोफोबिया और दोहरे मानदंडों पर तीखी बहस हुई।
अहमद ने कहा कि आतंकवादियों की सूची में एक भी गैर-मुस्लिम का नाम नहीं है, जो पक्षपातपूर्ण है। उन्होंने यह भी कहा कि आतंकवाद को धर्म के आधार पर देखा जा रहा है, जिससे इस्लाम और मुसलमानों को कलंकित किया जा रहा है। जियो न्यूज और अन्य मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, पाकिस्तानी राजदूत ने बैठक में कहा कि यह समझ से परे है कि सूची में केवल मुस्लिम नाम हैं। उन्होंने यह भी बताया कि दुनिया भर में गैर-मुस्लिम चरमपंथी भी हिंसा कर रहे हैं, लेकिन उन्हें अक्सर आतंकवाद नहीं कहा जाता।
अहमद ने जोर देकर कहा कि दक्षिणपंथी और चरमपंथी आंदोलनों का खतरा बढ़ रहा है, लेकिन उन पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वैसी सख्ती नहीं दिखाई जाती जैसी मुस्लिम समूहों पर। दूसरी ओर, भारत ने यूएनएससी को याद दिलाया कि पाकिस्तान की धरती पर सक्रिय कई आतंकी संगठनों जैसे लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और टीआरएफ पर वैश्विक कार्रवाई अब तक ठप है। भारत ने यह भी कहा कि चीन बार-बार वीटो और तकनीकी आपत्तियों के जरिए पाकिस्तान आधारित आतंकियों को बचाता रहा है। भारत का तर्क है कि पाकिस्तान खुद आतंकियों को पनाह देता है और वैश्विक मंच पर धर्म का तर्क देकर अपनी रक्षा करता है।


नए खतरों से निपटने की आवश्यकता

यूएनएससी को निगरानी व्यवस्थाओं पर करना होगा बदलाव

असीम इफ्तिखार ने कहा कि अब आतंकवादी नए डिजिटल साधनों और सोशल मीडिया का उपयोग कर रहे हैं। इस पर यूएनएससी को अपने प्रतिबंधों और निगरानी व्यवस्थाओं में बदलाव करने की आवश्यकता है ताकि नए और उभरते खतरों को रोका जा सके। पाकिस्तान ने बैठक में अफगानिस्तान से सक्रिय टीटीपी, बीएलए और मजीद ब्रिगेड जैसे संगठनों पर भी चिंता जताई। इफ्तिखार ने कहा कि ये संगठन पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था, रणनीतिक ढांचे और आम नागरिकों पर हमले कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ सबसे आगे खड़ा रहा है, जिसमें उसने 80 हजार जानें गंवाईं और सैकड़ों अरब डॉलर का आर्थिक नुकसान उठाया है।