संसद का शीतकालीन सत्र समाप्त, विवादास्पद बिल पास
संसद का शीतकालीन सत्र समाप्त
नई दिल्ली। संसद का शीतकालीन सत्र शुक्रवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। इस दिन दोनों सदनों में कोई कार्यवाही नहीं हुई, और जैसे ही सत्र शुरू हुआ, इसे स्थगित करने की घोषणा कर दी गई। इससे पहले, गुरुवार की रात को राज्यसभा में विकसित भारत जी राम जी बिल पर चर्चा हुई, जिसे पारित किया गया। इस प्रकार, शीतकालीन सत्र के समाप्त होने से पहले मनरेगा को समाप्त करने वाले बिल को संसद की मंजूरी मिल गई।
सत्र की गतिविधियाँ
संसद का यह सत्र एक दिसंबर से शुरू हुआ था और 19 दिसंबर तक चला, जिसमें कुल 15 बैठकें हुईं। इस दौरान, दोनों सदनों ने मिलकर आठ बिल पास किए, जबकि दो बिल संसदीय समिति को भेजे गए। कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि सत्र की शुरुआत रवींद्रनाथ टैगोर के अपमान से हुई और इसका अंत महात्मा गांधी के अपमान के साथ हुआ। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की रणनीति स्पष्ट थी, जो कि आधुनिक भारत के तीन महान व्यक्तित्वों, टैगोर, गांधी और नेहरू का अपमान करना था।
कांग्रेस का विरोध
रमेश ने आगे कहा कि वंदे मातरम् पर बहस का उद्देश्य नेहरू को बदनाम करना और इतिहास को तोड़-मरोड़ना था। उन्होंने बताया कि 1937 में टैगोर की सिफारिश पर कांग्रेस कार्य समिति ने तय किया था कि वंदे मातरम् के पहले दो छंदों को राष्ट्रगान के रूप में गाया जाएगा। मनरेगा को समाप्त करने के लिए जी राम जी बिल लाना महात्मा गांधी का अपमान है। हालांकि, इस बार संसद सत्र में दोनों सदनों ने अच्छा कार्य किया, जहां राज्यसभा की उत्पादकता 121 फीसदी और लोकसभा की 111 फीसदी रही।
प्रियंका गांधी का बयान
कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने बिलों को जल्दी लाने और पास कराने का विरोध किया। उन्होंने कहा कि संसद का सत्र लंबे समय से चल रहा है, लेकिन अंतिम दिनों में कुछ बिल लाए जाते हैं और उन्हें जल्दी पास किया जाता है, जो संदिग्ध है। उन्होंने प्रदूषण पर चर्चा की आवश्यकता पर भी जोर दिया। सत्र समाप्त होने के बाद, स्पीकर के चैम्बर में चाय पर औपचारिक बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ प्रियंका भी शामिल हुईं। इस बीच, राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर कहा कि मोदी सरकार ने एक दिन में मनरेगा के 20 साल खत्म कर दिए।
