संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा, इमरान मसूद का विवादित बयान

संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा
सोमवार को संसद भवन में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा होने जा रही है। यह विपक्ष की एक महत्वपूर्ण मांग थी कि इस मुद्दे पर चर्चा की जाए और प्रधानमंत्री भी इस दौरान उपस्थित रहें। 28 जुलाई को इस विषय पर 16 घंटे की चर्चा शुरू होगी। इसी बीच, कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने एक विवादित टिप्पणी की है, जिसमें उन्होंने पूछा, 'क्या ट्रंप हमारा बाप बन गया है और हम उनके गुलाम हो गए हैं कि वो बटन दबाएगा और हम काम करेंगे?'
इमरान मसूद का बयान
कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने ऑपरेशन सिंदूर पर कहा कि हम इस पर चर्चा की मांग लंबे समय से कर रहे हैं। उनकी सबसे बड़ी चिंता यह है कि पहलगाम के हत्यारे अब भी जिंदा हैं और उन्हें सजा नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि हमें अभी तक ऑपरेशन के परिणामों का पता नहीं है। हमारी विदेश नीति विफल रही है, पाकिस्तान को आतंकवाद की सूची से हटा दिया गया है और अब वह वैश्विक स्तर पर आतंकवाद-रोधी अभियानों में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को संसद में अपनी उपलब्धियों के बारे में बताना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी को इस मामले की जिम्मेदारी लेनी चाहिए, क्योंकि जब हर चीज का श्रेय उन्हें दिया जाता है, तो हमें इससे कोई आपत्ति नहीं है। ट्रंप ने कहा कि युद्ध उन्होंने रुकवाया था, लेकिन सरकार इस पर कुछ नहीं बोल रही है। हमें यह समझना मुश्किल हो रहा है।
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#WATCH | Saharanpur, UP: On Operation Sindoor to be discussed in Parliament, Congress MP Imran Masood says, 'We have long demanded a discussion on Operation Sindoor. The biggest concern is that the murderers of Pahalgam are still alive and have not been punished... We still don’t... pic.twitter.com/qdIYjiWO0o
— Media Channel (@MediaChannel) July 27, 2025
इमरान मसूद की चिंताएं
कांग्रेस सांसद ने कहा कि यह हमारी संप्रभुता के लिए खतरा है। क्या ट्रंप हमारा बाप बन गया है और हम उनके गुलाम हो गए हैं? क्या ट्रंप बटन दबाएगा और हम काम करेंगे? रक्षा मंत्री को चर्चा की शुरुआत करनी चाहिए, हम भी तथ्यात्मक बात करेंगे। हमारी विदेश नीति का क्या हुआ? पाकिस्तान को आतंकवाद विरोधी दस्ते का उपप्रमुख बना दिया गया, तो हमारी विदेश नीति कहां है? कोई देश हमारे साथ क्यों नहीं खड़ा है?
उन्होंने यह भी कहा कि आपातकाल पर विशेष सत्र बुलाना आवश्यक है, जो 50 साल पुरानी घटना है, लेकिन जब हमारी बहनों का सिंदूर उजड़ गया तो कोई विशेष सत्र नहीं बुलाया गया। पूरी दुनिया में आपने दल भेज दिए, इससे क्या हासिल हुआ? सिर्फ हमारा मजाक बना है।