संसद में कुलियों की समस्याओं को उठाएंगे संजय सिंह

कुली समाज के साथ संवाद
AAP सांसद संजय सिंह: राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने मंगलवार को पार्टी मुख्यालय में कुली समाज के सदस्यों के साथ एक प्रेस वार्ता आयोजित की। उन्होंने कहा कि जब से रेलवे स्टेशन अस्तित्व में आए हैं, तब से कुली लोगों का बोझ उठाने का कार्य कर रहे हैं। इस दौरान कुली समाज के प्रतिनिधियों ने उनसे अपनी समस्याओं को संसद में उठाने की अपील की। संजय सिंह ने बताया कि सरकार ने रेलवे स्टेशनों पर कुलियों के कार्य को निजी कंपनियों को सौंप दिया है, जिसके कारण कुली बेरोजगार हो गए हैं। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को सदन में कई बार उठाया गया, लेकिन सरकार ने इसे नजरअंदाज किया। लालू प्रसाद यादव के समय में 20 हजार कुलियों को रेलवे में नौकरी मिली थी, लेकिन अब भी हजारों कुलियों को रोजगार नहीं मिला है। उन्होंने आश्वासन दिया कि वह एक बार फिर इन मुद्दों को संसद में उठाएंगे और कुलियों के साथ मजबूती से खड़े रहेंगे।
लालू की नीति का पालन नहीं
संजय सिंह ने कहा कि जब लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री थे, तब उन्होंने कुलियों और उनके परिवार के एक सदस्य को रेलवे में नौकरी देने के लिए एक नीति बनाई थी। उस समय इस नीति के तहत लगभग 22 हजार कुलियों को नौकरी मिली थी। लेकिन अब भी 20 हजार कुलियों को नौकरी नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने कुलियों के कार्य को निजी हाथों में सौंप दिया है, जिससे उनकी स्थिति और भी खराब हो गई है। कुली माई एप के माध्यम से कुलियों को कुछ आमदनी होती थी, लेकिन अब वह भी समाप्त हो गया है। कुलियों को न तो सरकारी नौकरी मिली है और न ही उनके काम का कोई अवसर है।
आंदोलन की चेतावनी
संजय सिंह ने कहा कि देशभर के रेलवे स्टेशनों पर काम करने वाले कुली काम न मिलने के कारण परेशान हैं। उनके सामने दो वक्त की रोटी का संकट है। यह एक बड़ा सवाल है कि वे अपने परिवार का भरण-पोषण कैसे करेंगे। उन्होंने कहा कि संसद सत्र में कुलियों के मुद्दे को प्रमुखता से उठाएंगे। यदि कुली जंतर-मंतर या किसी अन्य स्थान पर आंदोलन करते हैं, तो वह भी उसमें भाग लेंगे।
रेल मंत्री के आदेशों के बावजूद सुविधाओं की कमी
राष्ट्रीय कुली मोर्चा के संयोजक राम सुरेश यादव ने कहा कि हमारी मांग है कि 2008 में लालू प्रसाद यादव द्वारा शुरू की गई नीति के तहत बचे हुए कुलियों को रेलवे में समायोजित किया जाए। एस्केलेटर और लिफ्ट जैसी तकनीक से काम प्रभावित नहीं हुआ, लेकिन सरकार ने कुलियों के कार्य को निजी कंपनियों को सौंप दिया है। इसलिए अब कुलियों के लिए काम नहीं बचा है। संसद के पिछले सत्र में रेल मंत्री ने कहा था कि कुलियों के बच्चों को शिक्षा, स्वास्थ्य, यूनिफॉर्म, पानी और रेस्ट हाउस जैसी सुविधाएं दी जा रही हैं, लेकिन देश के किसी भी रेलवे स्टेशन पर ये सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं।