संसद में पहलगाम कांड और ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की कमी

संसद का मानसून सत्र और विपक्ष की चिंताएँ
संसद के मानसून सत्र का सभी को बेसब्री से इंतजार था। यह उम्मीद थी कि सरकार पहलगाम कांड और ऑपरेशन सिंदूर पर विपक्ष की मांगों का जवाब देगी। हालांकि, सरकार ने पहले इन मुद्दों पर चर्चा के लिए विशेष सत्र बुलाने से इनकार कर दिया था। सत्र की शुरुआत में यह तय हुआ कि 28 जुलाई को इन घटनाओं पर चर्चा होगी, जिससे उम्मीद थी कि सरकार सभी पहलुओं पर जानकारी देगी। लेकिन, दो दिन की चर्चा और प्रधानमंत्री के लंबे भाषण के बाद भी बहस अधूरी रह गई। यह स्थिति यह दर्शाती है कि भारत में संसदीय बहसों का स्तर गिरता जा रहा है और ये केवल राजनीतिक लाभ के लिए होती हैं।
सवालों का जवाब न मिलना
पहलगाम कांड और ऑपरेशन सिंदूर से जुड़े महत्वपूर्ण सवालों पर चर्चा करने से पहले, एक उदाहरण के माध्यम से समझते हैं। हाल ही में उत्तर प्रदेश के बिजली मंत्री का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें एक नागरिक बिजली की कमी की शिकायत कर रहा था। मंत्री ने इस पर कोई ठोस जवाब नहीं दिया। इसी तरह, संसद में भी सत्तापक्ष के नेताओं ने सवालों का जवाब देने के बजाय सेना की प्रशंसा की। प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में 14 बार पंडित नेहरू का नाम लिया, जबकि लोगों को यह जानने की जरूरत थी कि पहलगाम घाटी में सुरक्षा क्यों नहीं थी।
सीजफायर पर उठते सवाल
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना ने अद्वितीय साहस दिखाया, लेकिन 88 घंटे के भीतर सीजफायर क्यों हुआ? प्रधानमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान ने गुहार लगाई थी, लेकिन सवाल यह है कि भारत की क्या मजबूरी थी? विशेषज्ञों का मानना है कि भारत को और हमले जारी रखने चाहिए थे। बिना शर्त युद्धविराम ने पाकिस्तान को जीत का दावा करने का मौका दिया।
अमेरिका की भूमिका और नुकसान
प्रधानमंत्री ने कहा कि किसी भी नेता ने सीजफायर नहीं कराया, जबकि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप ने दावा किया कि उन्होंने युद्ध रुकवाया। यह स्पष्ट नहीं है कि भारत को कितना नुकसान हुआ। दोनों अधिकारियों ने नुकसान की बात की थी, लेकिन सरकार ने इस पर कोई जवाब नहीं दिया।
चीन की भूमिका
भारत और पाकिस्तान के बीच हुई सीमित जंग में चीन की सक्रिय भागीदारी थी। भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि चीन ने पाकिस्तान का इस्तेमाल किया। इसके बावजूद, रक्षा मंत्री और विदेश मंत्री चीन के दौरे पर गए और संसद में इस पर चर्चा नहीं की गई।