संसद में पहलगाम हमले पर चर्चा के लिए तैयार सरकार, महाभियोग प्रस्ताव भी लाने की योजना

संसद में चर्चा का मुद्दा
नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले के संदर्भ में केंद्र सरकार संसद के मानसून सत्र में चर्चा करने के लिए तैयार है। सूत्रों के अनुसार, रविवार, 20 जुलाई को आयोजित सर्वदलीय बैठक में इस पर सहमति बनी। इसके साथ ही इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने की तैयारी भी की जा रही है। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया कि इस प्रस्ताव पर लोकसभा के एक सौ से अधिक सांसदों ने हस्ताक्षर किए हैं।
सर्वदलीय बैठक के बाद की रणनीति
महत्वपूर्ण है कि मानसून सत्र शुरू होने से एक दिन पहले रविवार को सरकार ने सर्वदलीय बैठक का आयोजन किया था। बैठक के बाद, लोकसभा में कांग्रेस के उप नेता गौरव गोगोई ने कहा, 'इस सत्र में हम पहलगाम हमले, सीमाओं पर संघर्ष, ट्रंप का सीजफायर दावा, और बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण जैसे मुद्दों को उठाएंगे। प्रधानमंत्री की नैतिक जिम्मेदारी है कि वे संसद के माध्यम से इन मुद्दों पर देश को जानकारी दें।' संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि सदन का संचालन सभी की जिम्मेदारी है और सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है। उन्होंने यह भी कहा कि डोनाल्ड ट्रंप के ऑपरेशन सिंदूर पर किए गए दावों का उचित जवाब दिया जाएगा।
विपक्ष की एकजुटता
केंद्रीय मंत्री, राज्यसभा में सदन के नेता और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की अध्यक्षता में डेढ़ घंटे से अधिक चली सर्वदलीय बैठक में सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेताओं ने भाग लिया। इस दौरान किरेन रिजिजू ने बताया कि जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग चलाने के लिए एक सौ से अधिक सांसदों ने दस्तखत किए हैं।
विपक्ष की रणनीति
दूसरी ओर, संसद के मानसून सत्र से पहले शनिवार को 'इंडिया' ब्लॉक की पार्टियों की बैठक हुई, जिसमें 24 पार्टियों के नेता शामिल हुए। इस बैठक में संसद में सरकार के खिलाफ एकजुट होकर मुद्दे उठाने की रणनीति बनाई गई। बताया जा रहा है कि विपक्षी नेताओं ने आठ प्रमुख मुद्दे तय किए हैं, जिनमें पहलगाम आतंकी हमला, ऑपरेशन सिंदूर, डोनाल्ड ट्रंप का सीजफायर करवाने का बयान, और बिहार में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण शामिल हैं।