सत्येंद्र जैन को CBI मामले में मिली राहत, अदालत ने क्लोजर रिपोर्ट को किया स्वीकार

दिल्ली के पूर्व मंत्री को मिली बड़ी राहत
दिल्ली के पूर्व मंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रमुख नेता सत्येंद्र जैन को CBI के एक मामले में महत्वपूर्ण राहत मिली है। दिल्ली की एक अदालत ने CBI की क्लोजर रिपोर्ट को मंजूरी दे दी, जिसमें यह स्पष्ट किया गया कि 2019 में दर्ज FIR में जैन के खिलाफ कोई भ्रष्टाचार, व्यक्तिगत लाभ या साजिश का प्रमाण नहीं मिला। यह निर्णय न केवल जैन के लिए न्याय की जीत है, बल्कि यह केंद्र सरकार की जांच एजेंसियों के संभावित दुरुपयोग को भी उजागर करता है।
झूठे आरोपों का पर्दाफाश
2019 में दर्ज FIR के बाद, बीजेपी ने सत्येंद्र जैन और AAP की छवि को धूमिल करने के लिए इस मामले को मीडिया ट्रायल में बदल दिया। दिल्ली सरकार के क्रांतिकारी प्रोजेक्ट्स जैसे मोहल्ला क्लिनिक, स्मार्ट स्कूल और आधुनिक अस्पतालों को बदनाम करने के लिए जैन पर बेबुनियाद आरोप लगाए गए। CBI की चार साल की जांच में यह स्पष्ट हुआ कि PWD में विशेषज्ञों की कमी के कारण IIT, IIM और SPA जैसे संस्थानों से पेशेवरों की नियुक्ति की गई, जो पूरी पारदर्शिता और सही टेंडर प्रक्रिया के तहत हुई।
कोर्ट का निर्णय: सत्य की विजय
CBI ने यह स्वीकार किया कि कोई आर्थिक अनियमितता नहीं हुई। अदालत ने इस क्लोजर रिपोर्ट को मंजूरी दी, जिससे सत्येंद्र जैन को क्लीन चिट मिली। AAP ने इसे लोकतंत्र की जीत बताया और सवाल उठाया कि क्या बीजेपी अब माफी मांगेगी? कोर्ट से राहत मिलने पर सत्येंद्र जैन ने कहा, “यह सिर्फ मेरे लिए नहीं, बल्कि जनता के लिए काम करने वालों की जीत है।”
बीजेपी पर उठे सवाल
यह मामला बीजेपी द्वारा जांच एजेंसियों जैसे ED और CBI के कथित राजनीतिक दुरुपयोग को दर्शाता है। AAP का कहना है कि उनके नेताओं पर हमले इसलिए हो रहे हैं क्योंकि वे जनता के लिए काम करते हैं और बीजेपी की खामियों को उजागर करते हैं। AAP ने कहा, “हम दबाव में नहीं झुकेंगे। जनता की उम्मीदें हमारी ताकत हैं।”