सद्भाव यात्रा का नरवाना में भव्य स्वागत, बृजेंद्र सिंह ने साझा किया संदेश

सद्भाव यात्रा का दूसरा दिन
जींद। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता बृजेंद्र सिंह ने सद्भाव पैदल यात्रा की शुरुआत की है, जो पूरे प्रदेश में चल रही है। यात्रा के दूसरे दिन, उन्होंने नरवाना के सर छोटूराम पार्क में सर छोटूराम की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए। इसके बाद, वे उझाना, बेलरखां और अन्य गांवों में पहुंचे, जहां ग्रामीणों और युवाओं ने उनका जोरदार स्वागत किया। बारिश के बावजूद यात्रा जारी रही।
बारिश में भी बृजेंद्र सिंह अपने साथियों के साथ चलते रहे। उझाना गांव में उनका स्वागत फूलों की बारिश से किया गया और उन्हें लड्डूओं से तौला गया। पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह ने यात्रा की शुरुआत में उनके साथ भाग लिया, लेकिन बाद में चंडीगढ़ के लिए रवाना हो गए। नरवाना हलके के बाद, यात्रा कलायत हलके में प्रवेश कर गई।
सामाजिक एकता का संदेश
सद्भाव यात्रा के सामाजिक मायने राजनीति से बड़े
पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह ने कहा कि इस यात्रा के सामाजिक महत्व को राजनीतिक महत्व से कहीं अधिक माना जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि सदियों से भाईचारे का जो रिश्ता रहा है, उसे तोड़ने की कोशिशें की जा रही हैं। भाजपा की योजनाओं के खिलाफ यह यात्रा समाज को एकजुट रखने का प्रयास है।
यात्रा का विस्तार
यात्रा संयोजक बृजेंद्र सिंह ने कहा कि यात्रा में लोगों का उत्साह बढ़ता जा रहा है। उनका उद्देश्य समाज में भाईचारे को बनाए रखना है। यात्रा का समापन कब होगा, यह अभी तय नहीं है।
कांग्रेस के बड़े नेताओं की अनुपस्थिति पर बृजेंद्र सिंह ने कहा कि यात्रा लंबी है और धीरे-धीरे सभी शामिल होंगे। कुछ नेताओं की नाराजगी पर उन्होंने कहा कि यह समझना मुश्किल है कि किस बात से नाराज हैं।
सद्भाव का संदेश हर कोने में
प्रदेश के हर कोने में पहुंचाएंगे सद्भाव का संदेश
पूर्व सांसद ने कहा कि यात्रा के माध्यम से वोट चोरी, बेरोजगारी और अन्य मुद्दों को उठाया जाएगा। दनौदा के ऐतिहासिक चबूतरे से यात्रा की शुरुआत हुई है। प्रदेश के हर कोने में सद्भाव का संदेश पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा। युवा वर्ग इस यात्रा में सबसे आगे है।
किसानों को उनकी फसलों का उचित मूल्य नहीं मिल रहा है और युवाओं को रोजगार के लिए विदेशों में जाना पड़ रहा है। इस अवसर पर सज्जन सिंह, हरेंद्र सिंह, उदयवीर पूनिया, अशोक सिवाच और अन्य नेता उपस्थित रहे।