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सरकार ने UPI लेनदेन पर GST लगाने की अफवाहों का किया खंडन

हाल ही में UPI लेनदेन पर GST लगाने की अफवाहें फैली थीं, जिससे उपयोगकर्ताओं में चिंता बढ़ गई थी। लेकिन वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि इस पर कोई विचार नहीं किया जा रहा है। UPI को एक डिजिटल पब्लिक गुड माना गया है, जो जनता के लिए मुफ्त और सुविधाजनक रहेगा। यह स्पष्टीकरण उन सभी के लिए राहत की बात है जो बिना किसी शुल्क के डिजिटल लेनदेन करना चाहते हैं।
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सरकार ने UPI लेनदेन पर GST लगाने की अफवाहों का किया खंडन

UPI लेनदेन पर GST लगाने की अफवाहें

हाल ही में ऐसी जानकारी सामने आई थी कि सरकार 2,000 रुपये से अधिक के UPI लेनदेन पर वस्तु एवं सेवा कर (GST) लगाने पर विचार कर रही है। इस खबर ने उन करोड़ों भारतीयों में चिंता पैदा कर दी थी, जो रोजाना UPI का उपयोग करते हैं। लेकिन अब, वित्त मंत्रालय ने इन अफवाहों को पूरी तरह से खारिज कर दिया है।
वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट रूप से कहा है कि UPI लेनदेन पर किसी भी प्रकार का GST लगाने का कोई विचार नहीं है। मंत्रालय ने यह भी बताया कि UPI एक "डिजिटल पब्लिक गुड" है, जिसका मतलब है कि यह जनता के लिए मुफ्त और सुविधाजनक सेवा है।
अफवाहों का स्रोत क्या था?
यह मामला भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के एक परिपत्र के बाद शुरू हुआ, जिसमें UPI लेनदेन पर कुछ शुल्क लगाने की संभावना पर चर्चा की गई थी। हालांकि, यह चर्चा मुख्य रूप से इंटरचेंज फीस या पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर (PSP) शुल्क के बारे में थी, जो आमतौर पर व्यापारियों या बैंकों के बीच होती है, न कि सीधे ग्राहकों पर GST लगाने के संदर्भ में। इस परिपत्र को गलत तरीके से समझा गया, जिससे GST लगाने की अफवाहें फैल गईं।
वित्त मंत्रालय का स्पष्टीकरण:
वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि:
UPI लेनदेन पर कोई GST नहीं लगाया जाएगा।
UPI डिजिटल पब्लिक गुड बना रहेगा, जिससे इसका उपयोग जनता के लिए मुफ्त और सुलभ रहेगा।
सरकार डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने और वित्तीय समावेशन को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस स्पष्टीकरण ने उन सभी चिंताओं को समाप्त कर दिया है कि UPI का उपयोग महंगा हो जाएगा। यह खबर उन सभी के लिए राहत की बात है जो बिना किसी शुल्क के डिजिटल लेनदेन करना चाहते हैं।