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साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने अनिरुद्धाचार्य के बयान का समर्थन किया

भोपाल की पूर्व सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने वृंदावन में अनिरुद्धाचार्य के विवादित बयान का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि माता-पिता अपनी बेटियों को संस्कार नहीं दे पा रहे हैं, जिससे दुराचार की घटनाएं बढ़ रही हैं। प्रज्ञा ने माता-पिता की जिम्मेदारियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि पश्चिमी संस्कृति का प्रभाव समाज में विकृतियों को बढ़ा रहा है। उनका यह बयान समाज में बढ़ती गलत आदतों को दर्शाता है।
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साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने अनिरुद्धाचार्य के बयान का समर्थन किया

साध्वी प्रज्ञा का विवादित बयान

साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने अनिरुद्धाचार्य का समर्थन किया: 'अगर माता-पिता संस्कार नहीं देते, तो लड़कियां अर्धनग्न रहती हैं...' यह बयान भोपाल की पूर्व बीजेपी सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर का है। उन्होंने वृंदावन में अनिरुद्धाचार्य से मुलाकात के दौरान यह बात कही। अपने फेसबुक पेज पर प्रज्ञा ने कथावाचक अनिरुद्धाचार्य के लिव-इन संबंधों पर दिए गए बयान का समर्थन किया। साध्वी प्रज्ञा 31 जुलाई को मालेगांव ब्लास्ट केस से बरी होने के बाद वृंदावन गई थीं।


दुराचार की घटनाओं में वृद्धि

वृंदावन में गौरी गोपाल आश्रम में अनिरुद्धाचार्य से मुलाकात के दौरान प्रज्ञा ने कहा कि ऐसे हालात दुराचार को बढ़ावा देते हैं। उन्होंने कहा कि अनिरुद्धाचार्य ने जो कहा, वह समाज की वास्तविकता को दर्शाता है। उन्होंने आत्मविश्वास के साथ अपनी बात रखी है, और मैं उनकी बात का समर्थन करती हूं। जब समाज में ऐसे दृश्य बढ़ते हैं, तो दुराचार की घटनाएं भी बढ़ती हैं।


माता-पिता की जिम्मेदारी पर सवाल

प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कहा कि माता-पिता अपनी बेटियों को संस्कार नहीं दे पा रहे हैं, और पश्चिमी संस्कृति का प्रभाव यह है कि स्कूल और कॉलेजों में लड़कियां अर्धनग्न नजर आती हैं। माताओं को बेटियों को मर्यादा सिखाने की आवश्यकता है। बेटों को भी यह सिखाना चाहिए कि उन्हें घर आने का समय तय करना चाहिए। अगर माता-पिता इस पर ध्यान नहीं देंगे, तो समाज में विकृतियां बढ़ेंगी।


अनिरुद्धाचार्य के विचारों का समर्थन

प्रज्ञा ने आगे कहा कि अनिरुद्धाचार्य ने समाज की स्थिति को सही तरीके से व्यक्त किया है। उन्होंने जो कहा, वह समाज में बढ़ती गलत आदतों को दर्शाता है। मैं उनकी बात का पूरा समर्थन करती हूं।