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सिख समुदाय ने एआई टूल्स से गलत जानकारी पर जताई चिंता

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल्स के जरिए सिख धर्म और गुरबानी के बारे में गलत जानकारी फैलाने की शिकायतों का संज्ञान लिया है। एसजीपीसी ने विभिन्न एआई प्लेटफॉर्म्स को ईमेल भेजकर आपत्ति जताई है। अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि सिख धर्म की परंपराओं में किसी भी प्रकार का परिवर्तन स्वीकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने गृह मंत्री से भी इस मुद्दे पर ठोस नीति बनाने की अपील की है।
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सिख समुदाय ने एआई टूल्स से गलत जानकारी पर जताई चिंता

सिख धर्म की परंपराओं की रक्षा के लिए एसजीपीसी की पहल

अमृतसर - आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) टूल्स के माध्यम से सिख इतिहास, गुरबानी और गुरमत के बारे में गलत जानकारी फैलाने की शिकायतों को ध्यान में रखते हुए, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने विभिन्न एआई प्लेटफॉर्म्स को ईमेल भेजकर अपनी आपत्ति दर्ज कराई है।


एसजीपीसी ने जिन एआई प्लेटफॉर्म्स पर आपत्ति जताई है, उनमें चैट जीपीटी, डीपसेक, ग्रोक, जेमिनी एआई, मेटा, गूगल, वीओ3, डिस्क्रिप्ट, रनवे एमएल, पिक्टोरी, मैजिस्टो, इनवीडियो, डेल-ई2, मिडजर्नी, और डीपीएआई शामिल हैं। एसजीपीसी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने बताया कि सिख धर्म की मौलिक परंपराओं में किसी भी प्रकार का परिवर्तन स्वीकार नहीं किया जा सकता। तकनीकी युग में, एआई के माध्यम से सिख गुरुओं के इतिहास और चित्रों के साथ छेड़छाड़ करना सिख भावनाओं को गहरी ठेस पहुंचा रहा है।


उन्होंने कहा कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी सिखों के लिए सर्वोपरि हैं, और गुरबाणी के साथ किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं की जा सकती। लेकिन कुछ ऐप्स गुरबाणी के पवित्र पदों को गलत तरीके से प्रस्तुत कर रहे हैं, जो कि गुरबाणी की बेअदबी है। इस संबंध में कई आपत्तियां प्राप्त हुई हैं, जिसके चलते एआई प्लेटफॉर्म्स को ई-मेल भेजकर गलत जानकारी के प्रसार को रोकने का अनुरोध किया गया है।


एडवोकेट धामी ने यह भी कहा कि विभिन्न एआई प्लेटफॉर्म्स पर ऐसी सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है, जिससे सम्मानित सिख धार्मिक हस्तियों, पवित्र ग्रंथों और प्रतीकों को गलत तरीके से प्रस्तुत किया जा रहा है। युवा पीढ़ी तकनीक के माध्यम से अपने इतिहास और परंपराओं को जानने की कोशिश कर रही है, लेकिन एआई के माध्यम से उन्हें मिल रही अधूरी और गलत जानकारी धर्म के सिद्धांतों के लिए हानिकारक साबित हो रही है।


उन्होंने यह भी बताया कि कई गुरबाणी ऐप्स पर भी गुरबाणी का शुद्ध रूप उपलब्ध नहीं है, जिस पर कार्रवाई की जा रही है। यह एक गंभीर मामला है और एसजीपीसी इस क्षेत्र में काम कर रहे लोगों और संस्थाओं का सहयोग भी लेगी। उन्होंने संगत से अपील की कि वे ऐसे ऐप्स से अधूरी जानकारी न लें और सिख इतिहास और परंपराओं के बारे में केवल ऐतिहासिक स्रोतों का ही उपयोग करें।


इसके अलावा, एसजीपीसी अध्यक्ष ने गृह मंत्री अमित शाह से भी अपील की कि वे इस गंभीर मुद्दे पर ध्यान दें और सरकारी स्तर पर एक ठोस नीति बनाकर इस तरह के व्यवहार को रोकने की व्यवस्था करें।