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सियासी संग्राम: वंदे मातरम् पर शहज़ाद और आलोक शर्मा के बीच तीखी बहस

हाल ही में 'India News Manch 2025' में वंदे मातरम् पर शहज़ाद पूनावाला और आलोक शर्मा के बीच तीखी बहस हुई। पूनावाला ने नेहरू पर तुष्टिकरण का आरोप लगाया, जबकि शर्मा ने आरएसएस की भूमिका पर सवाल उठाए। इस बहस में राष्ट्रीय सुरक्षा, ऑपरेशन सिंदूर और पुलवामा हमले जैसे मुद्दों पर भी चर्चा हुई। जानें इस सियासी संग्राम के प्रमुख बिंदु और दोनों पक्षों के तर्क।
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सियासी संग्राम: वंदे मातरम् पर शहज़ाद और आलोक शर्मा के बीच तीखी बहस

वंदे मातरम् पर तीखा आरोप-प्रत्यारोप


BJP प्रवक्ता शहज़ाद पूनावाला ने 'India News Manch 2025' में कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए कहा कि जवाहरलाल नेहरू ने 1937 में तुष्टिकरण की राजनीति के चलते 'वंदे मातरम' को विभाजित किया। उन्होंने यह भी कहा कि नेहरू ने देश को एकजुट करने वाले इस मंत्र को नजरअंदाज किया क्योंकि इससे एक विशेष वर्ग नाराज हो सकता था।


कांग्रेस का जवाब

कांग्रेस के आलोक शर्मा ने पलटवार करते हुए कहा कि वंदे मातरम केवल गाने की चीज नहीं है, बल्कि इसे जीने की आवश्यकता है। उन्होंने आरएसएस पर आरोप लगाया कि संघ ने 52 वर्षों तक तिरंगा नहीं फहराया और स्वतंत्रता संग्राम के दौरान मुखबिरी की।


पृथ्वीराज चव्हाण का बयान और 'ऑपरेशन सिंदूर'

पूनावाला ने पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण के हालिया बयान का हवाला देते हुए कांग्रेस को घेरा। उन्होंने पूछा कि क्या कांग्रेस चव्हाण के उस बयान का समर्थन करती है जिसमें उन्होंने कहा था कि 'सेना की कोई आवश्यकता नहीं है' और 'ऑपरेशन सिंदूर में हम आधे घंटे में हार गए थे।'


आलोक शर्मा ने स्पष्ट किया कि वे इस बात से असहमत हैं कि सेना हारी। उन्होंने आरोप लगाया कि हार सेना की नहीं, बल्कि 'बोगस सरकार' और 'कमजोर प्रधानमंत्री' की हुई है। शर्मा ने यह भी कहा कि ऑपरेशन सिंदूर को रोकने के पीछे अमेरिकी दबाव का हाथ था।


राष्ट्रीय सुरक्षा और इंटेलिजेंस फेलियर

बहस के दौरान पुलवामा हमले और चीन सीमा विवाद का मुद्दा भी उठाया गया। आलोक शर्मा ने कहा, 'पुलवामा में 350 किलो आरडीएक्स कैसे आया? उस गाड़ी का मालिक कौन था? सरकार आज तक जांच रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं कर पाई है। प्रधानमंत्री उस समय जिम कॉर्बेट में फोटो खिंचवा रहे थे।'


पूनावाला ने कहा, 'हमने सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट एयर स्ट्राइक के जरिए घर में घुसकर मारा। जबकि कांग्रेस ने 26/11 के बाद पाकिस्तान को 'मोस्ट फेवर्ड नेशन' का दर्जा दिया और कोई जवाबी कार्रवाई नहीं की।'


RSS बनाम कांग्रेस का इतिहास

आरएसएस की भूमिका पर दोनों प्रवक्ताओं के बीच तीखी नोकझोंक हुई। आलोक शर्मा ने संघ पर अंग्रेजों की पेंशन लेने का आरोप लगाया, जबकि पूनावाला ने कांग्रेस के संस्थापकों के 'विदेशी मूल' पर सवाल उठाए। उन्होंने दावा किया कि 1929 में पूर्ण स्वराज का संकल्प सबसे पहले आरएसएस की शाखाओं में लागू किया गया था।