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सीएम भगवंत मान का नशे के खिलाफ सख्त बयान: पूर्व सरकारों पर आरोप

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने नशे की समस्या पर पूर्व सरकारों को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि अगर पहले कठोर कदम उठाए गए होते, तो आज स्थिति इतनी गंभीर नहीं होती। मान ने नशे के खिलाफ 'युद्ध नशों विरुद्ध' मुहिम की आवश्यकता पर जोर दिया और पारंपरिक राजनीतिक दलों की मिलीभगत को उजागर किया। इस लेख में जानें कि मान ने किस तरह से नशा तस्करों के खिलाफ अपनी सरकार की रणनीति को स्पष्ट किया है।
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सीएम भगवंत मान का नशे के खिलाफ सख्त बयान: पूर्व सरकारों पर आरोप

नशे के खिलाफ लड़ाई में मुख्यमंत्री का संकल्प


सीएम भगवंत मान ने नशे के मुद्दे पर पारंपरिक राजनीतिक दलों पर निशाना साधा।


चंडीगढ़ में, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने नशे की समस्या पर बात करते हुए कहा कि यदि पूर्व सरकारें समय पर सख्त कदम उठातीं, तो आज राज्य में नशे की इतनी गंभीर स्थिति नहीं होती। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने 'युद्ध नशों विरुद्ध' जैसे अभियानों के माध्यम से नशे के कलंक को मिटाने का संकल्प लिया है।


मान ने यह भी कहा कि अगर पिछली सरकारें नशा तस्करों पर नियंत्रण रखतीं, तो आज हमें इस तरह के कार्यक्रमों की आवश्यकता नहीं होती। उन्होंने बताया कि विकास समितियों के बजाय, उन्हें मजबूरन डिफेंस समितियों का गठन करना पड़ रहा है।


कांग्रेसी नेताओं का पूर्व अकाली मंत्री के समर्थन में आना


मुख्यमंत्री ने नाभा जेल में बंद पूर्व अकाली मंत्री के समर्थन में आए कांग्रेसी नेताओं पर भी तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि यह आश्चर्यजनक है कि नशा तस्करी के आरोपों का सामना कर रहे नेता के पक्ष में कांग्रेसी नेता खुलकर बयान दे रहे हैं।


उन्होंने पारंपरिक दलों की आपसी मिलीभगत को उजागर करते हुए कहा कि ये दल सत्ता में रहते हुए एक-दूसरे के काले कारनामों को छिपाते रहे हैं। मान ने इन दलों को चुनौती दी कि वे स्पष्ट करें कि वे नशा तस्करों के पक्ष में हैं या उनके खिलाफ। उन्होंने यह भी कहा कि जेल में बंद पूर्व मंत्री के खिलाफ महत्वपूर्ण सबूत अदालत में पेश किए जाएंगे।