सीबीआई ने कुलदीप सेंगर की जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की
उन्नाव बलात्कार मामले में नया मोड़
नई दिल्ली: उन्नाव बलात्कार केस में एक नया मोड़ आया है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने भारतीय जनता पार्टी के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की जमानत और सजा निलंबन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। यह याचिका शुक्रवार को प्रस्तुत की गई।
सीबीआई ने दिल्ली हाई कोर्ट के उस निर्णय को चुनौती दी है, जिसमें सेंगर की सजा को स्थगित कर उन्हें अंतरिम जमानत दी गई थी। यह विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) शीर्ष अदालत में शुक्रवार को दायर की गई।
दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश पर सवाल
सीबीआई की याचिका में दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश की वैधता पर गंभीर सवाल उठाए गए हैं। जांच एजेंसी ने सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया है कि हाई कोर्ट के निर्णय की समीक्षा की जाए और सेंगर की जमानत तथा सजा निलंबन को रद्द किया जाए। सीबीआई का तर्क है कि इस मामले की गंभीरता को देखते हुए दोषी को राहत देना उचित नहीं है, और इससे न्याय प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है। अब इस मामले पर अंतिम निर्णय सुप्रीम कोर्ट द्वारा लिया जाएगा।
सीबीआई ने सेंगर को दोषी ठहराया
यह मामला 2017 का है, जब उन्नाव जिले की एक नाबालिग लड़की ने कुलदीप सिंह सेंगर और उनके सहयोगियों पर बलात्कार और अपहरण का आरोप लगाया था। जांच के दौरान, सीबीआई ने सेंगर को दोषी पाया और 2019 में दिल्ली की एक अदालत ने उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। सेंगर को पोस्को एक्ट के तहत भी दोषी ठहराया गया था। हालाँकि, हाल ही में दिल्ली हाई कोर्ट ने उनकी अपील पर सुनवाई करते हुए स्वास्थ्य आधार पर सजा को अस्थायी रूप से निलंबित कर जमानत दी थी।
पीड़िता के वकीलों ने सीबीआई की इस अपील का स्वागत किया है। उनका कहना है कि यह कदम न्याय की दिशा में महत्वपूर्ण है और दोषी को किसी भी प्रकार की राहत नहीं मिलनी चाहिए। वहीं, सेंगर के वकील ने इस पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
