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सीरिया में आर्थिक पाबंदियों का अंत: ट्रंप का ऐतिहासिक निर्णय

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सीरिया पर पिछले दो दशकों से लागू सभी प्रमुख आर्थिक पाबंदियों को समाप्त करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है। यह कदम उस समय उठाया गया है जब बशर अल-असद की सत्ता समाप्त हो चुकी है और एक नई अंतरिम सरकार का गठन हो चुका है। ट्रंप ने स्पष्ट किया है कि यह निर्णय सीरिया को पुनर्निर्माण का अवसर देने के लिए है, लेकिन यह अमेरिका के हितों से समझौता किए बिना किया गया है। जानें इस निर्णय के पीछे के कारण और आगे की योजना क्या है।
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सीरिया में आर्थिक पाबंदियों का अंत: ट्रंप का ऐतिहासिक निर्णय

ट्रंप का ऐतिहासिक कार्यकारी आदेश

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को एक महत्वपूर्ण कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए, जिसके तहत सीरिया पर पिछले दो दशकों से लागू सभी प्रमुख आर्थिक प्रतिबंध समाप्त कर दिए गए हैं। यह निर्णय उस समय आया है जब दिसंबर 2024 में बशर अल-असद की सत्ता समाप्त हो चुकी है और दमिश्क में एक इस्लामिक-नेतृत्व वाली नई अंतरिम सरकार ने शासन संभाल लिया है।


आर्थिक राहत की दिशा में कदम

व्हाइट हाउस ने पुष्टि की है कि यह निर्णय ट्रंप की मई में की गई उस घोषणा का हिस्सा है, जिसमें उन्होंने सीरिया को आर्थिक सहायता देने की बात की थी। ट्रंप ने स्पष्ट किया कि यह निर्णय 'सीरिया को फिर से खड़ा करने का अवसर देने' के उद्देश्य से लिया गया है, लेकिन यह अमेरिका के हितों से समझौता किए बिना किया गया है।


कौन-कौन से प्रतिबंध हटाए गए?

किन पाबंदियों को हटाया गया?


इस कार्यकारी आदेश के तहत अमेरिका ने उन सभी प्रमुख प्रतिबंधों को समाप्त कर दिया है जो 1979 में सीरिया को 'आतंकी समर्थक राष्ट्र' घोषित किए जाने के बाद से लगाए गए थे। इनमें शामिल हैं:


Executive Orders 13338, 13572, 13573 और 13582 के तहत लगे प्रतिबंध


सीरियाई केंद्रीय बैंक, सरकारी कंपनियों और तेल क्षेत्र से जुड़ी अमेरिकी गतिविधियों पर लगे प्रतिबंध


सीरिया में अमेरिकी निवेश, निर्यात और व्यापार पर लगी रोक


इन प्रतिबंधों को हटाकर अमेरिका ने सीरियाई अर्थव्यवस्था को फिर से अंतरराष्ट्रीय मंच पर लाने की कोशिश शुरू कर दी है।


ट्रंप का संतुलित दृष्टिकोण

ट्रंप का संतुलित रुख


हालांकि ये प्रतिबंध हटा दिए गए हैं, लेकिन ट्रंप प्रशासन ने यह स्पष्ट किया है कि यह राहत उन लोगों को नहीं मिलेगी जिन्होंने युद्ध अपराध किए या आतंकवाद से जुड़े हैं। राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने बयान में कहा कि सीरिया को सफल होना चाहिए, लेकिन अमेरिकी हितों की कीमत पर नहीं। इस आदेश के तहत बशर अल-असद, उनके करीबी सहयोगियों, मानवाधिकार उल्लंघन करने वालों, ISIS से जुड़े आतंकियों और ईरान समर्थित लड़ाकों पर पहले से लगी पाबंदियां बरकरार रहेंगी।


यह निर्णय क्यों लिया गया?

क्यों लिया गया यह फैसला?


व्हाइट हाउस के अनुसार, यह निर्णय ज़मीनी हालात में बड़े बदलावों के कारण लिया गया है। बशर अल-असद की सत्ता से विदाई, नई अंतरिम सरकार का गठन और यूरोपीय देशों द्वारा अपने प्रतिबंधों में ढील देने जैसे कारणों ने अमेरिका को अपनी रणनीति में बदलाव करने के लिए प्रेरित किया।


ट्रंप ने मई में रियाद में दिए एक भाषण में संकेत दिए थे कि अगर सीरिया शांति और सुधार की दिशा में आगे बढ़ता है तो वह देश को 'greatness का मौका' देंगे। सोमवार को इस आदेश पर हस्ताक्षर कर ट्रंप ने उसी वादे को पूरा किया।


आगे की योजना

अब क्या होगा आगे?


नए आदेश के तहत अमेरिका अब सीरिया में पुनर्निर्माण कार्यों में निवेश करेगा, जिसमें बिजली, जल आपूर्ति, आधारभूत संरचना और अन्य सार्वजनिक सेवाएं शामिल हैं। इसके अलावा, अमेरिका ने सीरिया को आतंकी राष्ट्र की सूची से हटाने पर भी पुनर्विचार शुरू कर दिया है। व्हाइट हाउस ने विदेश मंत्री को यह निर्देश दिया है कि वह हयात तहरीर अल-शाम (HTS) और उसके नेता अहमद अल-शराआ के आतंकी दर्जे की औपचारिक समीक्षा करें।


निशाने पर कौन?

कौन-कौन अभी भी रहेगा निशाने पर?


बशर अल-असद और उनके सहयोगी


युद्ध अपराध और रासायनिक हथियारों के उपयोग में शामिल लोग


ISIS और ईरान समर्थित आतंकवादी गुट


ड्रग ट्रैफिकिंग नेटवर्क, विशेषकर कैपटागन की तस्करी से जुड़े लोग


इन सभी पर प्रतिबंध पहले की तरह लागू रहेंगे।