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सुकन्या समृद्धि योजना: उत्तराखंड की बेटियों के लिए एक सुनहरा अवसर

उत्तराखंड की बेटियों के लिए सुकन्या समृद्धि योजना एक महत्वपूर्ण पहल है, जो उन्हें आत्मनिर्भर और सुरक्षित भविष्य प्रदान करती है। इस योजना के तहत 10 साल से कम उम्र की बेटियों के लिए शिक्षा और विवाह के लिए आर्थिक सहायता दी जाती है। माता-पिता इस योजना में न्यूनतम ₹250 से लेकर अधिकतम ₹1.5 लाख रुपये तक निवेश कर सकते हैं, और इस पर 8% ब्याज मिलता है। जानें इस योजना के लाभ और आवेदन प्रक्रिया के बारे में।
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सुकन्या समृद्धि योजना का उद्देश्य

उत्तराखंड की बेटियों को आत्मनिर्भर और सुरक्षित भविष्य प्रदान करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार ने सुकन्या समृद्धि योजना की शुरुआत की है। यह योजना बेटियों की शिक्षा और विवाह के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध कराती है, जिससे शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों के परिवार लाभान्वित होंगे।


यह योजना उन बेटियों के लिए है जिनकी उम्र 10 वर्ष से कम है। माता-पिता या अभिभावक अपनी बेटी के नाम पर किसी भी डाकघर या अधिकृत बैंक शाखा में खाता खोल सकते हैं।


यह योजना केंद्र और राज्य सरकार की एक संयुक्त पहल है, जो विशेष रूप से बेटियों के उज्ज्वल भविष्य को ध्यान में रखकर बनाई गई है।


निवेश और ब्याज दर

इस योजना में न्यूनतम ₹250 से लेकर अधिकतम ₹1.5 लाख रुपये तक का वार्षिक निवेश किया जा सकता है। यदि कोई अभिभावक हर महीने केवल ₹1000 का निवेश करता है, तो कुछ वर्षों में एक बड़ा और सुरक्षित फंड तैयार हो जाएगा, जो बेटी की पढ़ाई या शादी में सहायक होगा।


सुकन्या समृद्धि योजना की एक विशेषता इसका आकर्षक ब्याज दर है। वर्तमान में, इस योजना पर सरकार 8% तक ब्याज प्रदान कर रही है, जो अन्य बचत योजनाओं की तुलना में काफी अधिक है। इसके अलावा, इस योजना में किए गए निवेश पर आयकर छूट भी मिलती है।


खाते की परिपक्वता और आवेदन प्रक्रिया

यह खाता 21 वर्ष बाद या बेटी के विवाह के समय परिपक्व होता है। अभिभावक चाहें तो बेटी की उच्च शिक्षा या शादी के समय खाते से पूरी राशि निकाल सकते हैं, जिससे बेटी के भविष्य की बड़ी जिम्मेदारियों को आसानी से निभाया जा सके।


इस योजना का लाभ उठाने के लिए आपको नजदीकी डाकघर या बैंक में जाना होगा। खाता खोलने के लिए बेटी का जन्म प्रमाण पत्र, पहचान पत्र और निवास प्रमाण पत्र जैसे आवश्यक दस्तावेज जमा करने होंगे।