सुखबीर बादल ने भगवंत मान पर लगाया झूठे आरोपों का आरोप

सुखबीर बादल की चुनौती
शिरोमणी अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल ने मुख्यमंत्री भगवंत मान को खुली चुनौती दी है कि वे साबित करें कि सराया इंडस्ट्रीज लिमिटेड को 2007 से अब तक विदेशी फंडिंग मिली है। उन्होंने इस आरोप को पूरी तरह से खारिज किया कि वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया की कंपनी में कोई संदिग्ध विदेशी निवेश हुआ है।
राजनीतिक प्रतिशोध का आरोप
बादल ने कहा कि भगवंत मान ने व्यक्तिगत द्वेष के चलते पंजाब के डीजीपी पर दबाव डालकर मजीठिया के खिलाफ झूठा मामला दर्ज कराया। उनका कहना है कि मजीठिया लगातार मुख्यमंत्री और उनके भ्रष्ट सहयोगियों के खिलाफ आवाज उठा रहे थे।
धमकी का आरोप
उन्होंने आरोप लगाया कि 24 जून की रात, भगवंत मान ने डीजीपी को फोन कर धमकी दी कि यदि मजीठिया के खिलाफ मामला दर्ज नहीं किया गया, तो उन्हें पद से हटा दिया जाएगा। उसी रात सतर्कता विभाग को पत्र लिखा गया और अगले दिन मजीठिया के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया गया।
विदेशी निवेश का खुलासा
बादल ने बताया कि सराया इंडस्ट्रीज में आखिरी विदेशी निवेश 2005 में हुआ था, जब क्लियरवॉटर कॉर्पोरेशन ने 25% हिस्सेदारी के बदले 35 करोड़ रुपये का निवेश किया था। यह सौदा आरबीआई और एफआईपीबी की अनुमति से हुआ था। मजीठिया 2007 में राजनीति में आए, इसलिए उन पर विदेशी फंडिंग का आरोप बेबुनियाद है।
जांच की स्थिति
उन्होंने कहा कि सभी लेन-देन की जांच आयकर विभाग द्वारा की जा चुकी है और कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई। यह सब मजीठिया को बदनाम करने की साजिश का हिस्सा है।
भ्रष्टाचार के खिलाफ चेतावनी
सुखबीर बादल ने चेतावनी दी कि जब भी अकाली दल की सरकार बनेगी, भगवंत मान और उनके सहयोगियों को भ्रष्टाचार के लिए जवाबदेह ठहराया जाएगा। उन्होंने कहा कि अकाली दल अब चुप नहीं बैठेगा और जनता के बीच जाकर इस झूठ की राजनीति का पर्दाफाश करेगा।