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सुप्रीम कोर्ट की जांच रिपोर्ट: मुकेश अंबानी के चिड़ियाघर को मिली क्लीन चिट

सुप्रीम कोर्ट ने मुकेश अंबानी के निजी चिड़ियाघर वनतारा की जांच के बाद कोई गड़बड़ी नहीं पाई है। जस्टिस जे चेलामेश्वर की अध्यक्षता में बनी एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में प्रस्तुत की है, जिसे सार्वजनिक नहीं किया जाएगा। यह निर्णय कई सवाल उठाता है, खासकर पारदर्शिता के मुद्दे पर। जानें इस अद्भुत फैसले के पीछे की कहानी और क्या है रिपोर्ट में जो छिपाया जा रहा है।
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सुप्रीम कोर्ट की जांच रिपोर्ट: मुकेश अंबानी के चिड़ियाघर को मिली क्लीन चिट

भारत की अद्भुत विडंबनाएँ

भारत एक ऐसा देश है जो विडंबनाओं और विरोधाभासों से भरा हुआ है। हाल ही में, सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस जे चेलामेश्वर ने मुकेश अंबानी के परिवार के निजी चिड़ियाघर वनतारा की जांच की रिपोर्ट एक सीलबंद लिफाफे में प्रस्तुत की है। इस चिड़ियाघर के खिलाफ कई शिकायतें आई थीं और इसके लिए कई याचिकाएँ भी सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई थीं। इन मामलों पर सर्वोच्च अदालत ने अगस्त में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया, जिसकी अध्यक्षता जस्टिस चेलामेश्वर ने की। इस चार सदस्यीय समिति ने 12 सितंबर को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की और 15 सितंबर को अदालत ने कहा कि जस्टिस चेलामेश्वर की टीम ने वनतारा में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी नहीं पाई है। इसका मतलब है कि वनतारा को क्लीन चिट मिल गई है।


अदालत का अद्भुत फैसला

अदालत का यह निर्णय कई दृष्टियों से अद्भुत है। अदालत ने यह भी कहा कि लोगों को बार-बार वनतारा के खिलाफ शिकायत करने से बचना चाहिए और भविष्य में इसकी शिकायत नहीं की जानी चाहिए। इसके साथ ही, अदालत ने यह आदेश भी दिया कि सीलबंद लिफाफे में दी गई रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया जाएगा। ऐसा आदेश शायद ही किसी मामले में पहले आया हो! यह भी ध्यान देने योग्य है कि हाल के समय में सुप्रीम कोर्ट के जजों में पारदर्शिता के लिए सबसे अधिक मुखर जस्टिस चेलामेश्वर रहे हैं। चार साल पहले, नवंबर 2021 में, उन्होंने कॉलेजियम की बैठक में शामिल होने से इनकार कर दिया था, क्योंकि उन्हें इसमें पारदर्शिता की कमी महसूस हुई थी।


रिपोर्ट का रहस्य

जस्टिस जे चेलामेश्वर, जो पारदर्शिता के लिए जाने जाते हैं, ने एक निजी चिड़ियाघर की एसआईटी जांच की रिपोर्ट को सीलबंद लिफाफे में प्रस्तुत किया है और यह स्वीकार किया है कि यह रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं होगी। आखिरकार, उस रिपोर्ट में ऐसा क्या है जो लोगों को नहीं पता होना चाहिए? जब एसआईटी ने कोई गड़बड़ी नहीं पाई है, तो अंबानी परिवार को गर्व के साथ इस रिपोर्ट को सार्वजनिक करना चाहिए और सभी को अपनी बात समझाने का अवसर देना चाहिए। लेकिन यह हैरान करने वाली बात है कि क्लीन चिट की रिपोर्ट को छिपाया जा रहा है!