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सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पर जूता फेंकने वाले वकील पर कार्रवाई

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पर जूता फेंकने का प्रयास करने वाले वकील राकेश किशोर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई है। उन्हें अदालत में प्रवेश से रोका गया है और उनकी अस्थाई सदस्यता भी समाप्त कर दी गई है। इसके अलावा, बेंगलुरु में उनके खिलाफ FIR भी दर्ज की गई है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और इसके पीछे की वजहें।
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सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पर जूता फेंकने वाले वकील पर कार्रवाई

राकेश किशोर के खिलाफ सख्त कदम

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई पर जूता फेंकने का प्रयास करने वाले वकील राकेश किशोर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई है। उन्हें अब अदालत में प्रवेश करने से रोक दिया गया है। इसके साथ ही, सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) ने उनकी अस्थाई सदस्यता भी समाप्त कर दी है। इसके अलावा, उनके खिलाफ बेंगलुरु में एक FIR भी दर्ज की गई है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, SCBA ने एक प्रस्ताव जारी किया है जिसमें कहा गया है कि 'एडवोकेट राकेश किशोर की अस्थाई सदस्यता क्रमांक K-01029/RES, जो 27.07.2011 को दी गई थी, को तत्काल प्रभाव से समाप्त किया जाता है। उनका नाम एसोसिएशन की सूची से हटा दिया जाएगा।' इससे पहले उनके खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई थी।

इससे पहले यह भी बताया गया था कि किशोर के खिलाफ आपराधिक अवमानना की कार्रवाई पर विचार किया जा रहा था। इस संबंध में कानूनी कार्रवाई की मांग के लिए एटॉर्नी जनरल को पत्र भी भेजा गया था। हालांकि, घटना के दिन दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट परिसर में पूछताछ के बाद उन्हें छोड़ दिया था। सीजेआई ने भी किशोर को छोड़ने का निर्देश दिया था। सर्वसम्मति से जारी प्रस्ताव में कहा गया है कि कोर्ट के अधिकारी के प्रति ऐसा व्यवहार अस्वीकार्य है। आगे कहा गया है कि यदि किशोर के नाम पर कोई SCBA कार्ड जारी किया गया है, तो उसे रद्द किया जाएगा और जब्त किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के सचिव को सूचित किया जाएगा ताकि उनके एक्सेस कार्ड को तुरंत रद्द किया जा सके।

बेंगलुरु में FIR दर्ज की गई है। अधिकारियों के अनुसार, अखिल भारतीय अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष भक्तवचला की शिकायत के आधार पर राकेश किशोर के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 132 और 133 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।