सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी के सेना संबंधी बयान पर जताई आपत्ति

सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी
भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा भारतीय सेना के खिलाफ की गई टिप्पणियों पर सुप्रीम कोर्ट ने आपत्ति जताई है। कोर्ट ने पूछा कि राहुल गांधी को कैसे पता चला कि चीन ने 2000 वर्ग किलोमीटर भूमि पर कब्जा कर लिया है? उन्होंने यह जानकारी किस विश्वसनीय दस्तावेज के आधार पर दी है? कोर्ट ने कहा कि एक सच्चा भारतीय ऐसा नहीं कहेगा। जब सीमा पर विवाद हो, तो इस तरह की बातें कैसे की जा सकती हैं?
सुप्रीम कोर्ट का निर्णय
सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी के खिलाफ चल रही निचली अदालत की सुनवाई पर फिलहाल रोक लगा दी है। कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार और शिकायतकर्ता उदय शंकर श्रीवास्तव को नोटिस जारी कर तीन हफ्ते में जवाब मांगा है। उदय शंकर श्रीवास्तव ने राहुल गांधी के खिलाफ अवमानना का मामला दर्ज कराया था। राहुल गांधी ने निचली अदालत द्वारा जारी समन को रद्द करने की मांग की है।
राहुल गांधी पर आरोप
राहुल गांधी पर आरोप है कि उन्होंने 9 दिसंबर, 2022 को भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच हुई झड़प के संदर्भ में सेना के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। शिकायतकर्ता का कहना है कि राहुल गांधी ने बार-बार अपमानजनक ढंग से कहा कि चीनी सेना अरुणाचल प्रदेश में भारतीय सैनिकों की 'पिटाई' कर रही है और भारतीय मीडिया इस पर कोई सवाल नहीं उठाएगा।
जस्टिस दीपंकर दत्ता की टिप्पणी
जस्टिस दीपंकर दत्ता ने कहा कि एक सच्चे भारतीय के नाते ऐसे बयान नहीं दिए जाने चाहिए। क्या केवल इसलिए कि आपके पास संविधान के अनुच्छेद 19(1)(ए) के तहत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार है, आप कुछ भी कह सकते हैं? इस पर राहुल गांधी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि किसी को मानहानि के आरोपों से परेशान नहीं किया जा सकता।
इलाहाबाद हाईकोर्ट का निर्णय
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राहुल गांधी को राहत देने से इनकार करते हुए कहा था कि बोलने की आज़ादी की भी कुछ सीमाएं होती हैं, लेकिन सेना का अपमान नहीं किया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार और याचिकाकर्ता उदय शंकर श्रीवास्तव को नोटिस जारी किया है और निचली अदालत में चल रही कार्यवाही पर फिलहाल रोक लगा दी है।