सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस के खिलाफ जनहित याचिका दायर

सुप्रीम कोर्ट में दायर जनहित याचिका
सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका: कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारतीय जनता पार्टी और भारत के चुनाव आयोग पर 'वोट चोरी' के गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा कि भाजपा के दबाव में चुनाव आयोग ने कई विधानसभा चुनावों में धांधली की है। इस आरोप के खिलाफ कांग्रेस का पंजीकरण रद्द करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है।
इस याचिका में कहा गया है कि राहुल गांधी के आरोपों का उद्देश्य चुनाव आयोग के संवैधानिक अधिकारों को कमजोर करना और लोकतांत्रिक प्रक्रिया की पवित्रता को नष्ट करना है। याचिका में यह भी मांग की गई है कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी को 'भारत के संविधान के प्रति निष्ठा नहीं रखने वाले' घोषित किया जाए। इसमें यह भी कहा गया है कि कांग्रेस का चुनाव आयोग के खिलाफ देशव्यापी अभियान पार्टी द्वारा ली गई संवैधानिक शपथ का उल्लंघन है।
याचिका में प्रस्तुत तर्क
बिहार में विधानसभा चुनावों के मद्देनजर सभी राजनीतिक दल अपनी स्थिति मजबूत करने में जुटे हैं। राहुल गांधी ने बिहार की रैलियों में भी चुनाव आयोग पर वोट चोरी का आरोप लगाया है। याचिका में यह तर्क दिया गया है कि बिहार की विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण का मामला पहले से ही सर्वोच्च न्यायालय में लंबित है, इसलिए कांग्रेस नेताओं को सार्वजनिक प्रचार नहीं करना चाहिए या रैलियों में 'वोट चोर' जैसे शब्दों का प्रयोग नहीं करना चाहिए। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत चुनाव आयोग को मतदाता सूची तैयार करने और उनमें संशोधन करने का अधिकार प्राप्त है।
हिंदू महासभा के पूर्व उपाध्यक्ष की मांग
अखिल भारत हिंदू महासभा के पूर्व उपाध्यक्ष सतीश कुमार अग्रवाल द्वारा दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि कांग्रेस का यह आचरण उसके संविधान के अनुच्छेद 2 का उल्लंघन करता है, जिसमें भारत के संविधान के प्रति निष्ठा की आवश्यकता होती है। इसके अलावा, जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 29A का भी उल्लंघन किया गया है। याचिका में सुप्रीम कोर्ट से चुनाव आयोग को कांग्रेस का पंजीकरण रद्द करने का निर्देश देने की मांग की गई है। साथ ही, पार्टी के शीर्ष नेतृत्व द्वारा किए गए कथित दुष्प्रचार की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन की भी मांग की गई है।