सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों की नई नियुक्ति: विपुल पंचोली और आलोक अराधे का प्रमोशन

न्यायाधीशों की पदोन्नति की घोषणा
न्यायमूर्ति विपुल पंचोली: केंद्र सरकार ने बुधवार को पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश विपुल पंचोली और बॉम्बे उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश आलोक अराधे को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नति देने का निर्णय लिया है। हालांकि, इससे पहले कॉलेजियम में पंचोली के नाम पर कुछ असहमति व्यक्त की गई थी। एक महिला न्यायाधीश ने उनकी पदोन्नति पर कड़ी आपत्ति जताई थी।
कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल ने इस संबंध में जानकारी देते हुए सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा किया, जिसमें उन्होंने बताया कि न्यायाधीश विपुल पंचोली और आलोक अराधे को सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त किया गया है। इन दोनों की नियुक्ति के बाद, सुप्रीम कोर्ट में सभी न्यायाधीशों के पद भर जाएंगे, जिससे 34 न्यायाधीशों के साथ कोर्ट पूरी क्षमता से कार्य कर सकेगा।
कॉलेजियम प्रणाली पर उठे सवाल
कॉलेजियम प्रणाली की विश्वसनीयता पर सवाल!
भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई की पांच सदस्यीय कॉलेजियम ने सोमवार को दोनों न्यायाधीशों की पदोन्नति की सिफारिश की थी। लेकिन इसके तुरंत बाद, यह जानकारी सामने आई कि न्यायमूर्ति नागरत्ना ने विपुल पंचोली की पदोन्नति पर असहमति जताई है। उन्होंने इसे न्यायपालिका के लिए हानिकारक बताया और कहा कि इससे कॉलेजियम प्रणाली पर विश्वास कम हो सकता है। न्यायमूर्ति नागरत्ना सुप्रीम कोर्ट की एकमात्र महिला न्यायाधीश हैं। सूत्रों के अनुसार, उनका मानना है कि न्यायमूर्ति पंचोली से बेहतर रैंक के नामों पर विचार किया जा सकता है।
यह भी उल्लेखनीय है कि नागरत्ना 2027 में भारत की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश बनने की कतार में हैं। यदि उन्हें CJI बनाया जाता है, तो वे इस पद पर पहुंचने वाली पहली महिला बनेंगी।
पंचोली के स्थानांतरण पर उठे सवाल
विपुल पंचोली के स्थानांतरण पर उठाया सवाल
नागरत्ना की असहमति के पीछे एक और कारण बताया जा रहा है। माना जा रहा है कि वे पंचोली के गुजरात उच्च न्यायालय से पटना उच्च न्यायालय में स्थानांतरण से भी असंतुष्ट थीं। उन्होंने इसे सामान्य नहीं माना। इसके अलावा, यह भी कहा जा रहा है कि न्यायमूर्ति नागरत्ना का कहना है कि उच्च न्यायालय के दो न्यायाधीश पहले से ही सर्वोच्च न्यायालय की सूची में हैं। हालांकि, नागरत्ना की ओर से अभी तक मीडिया के सामने कोई बयान नहीं आया है।
न्यायमूर्ति अराधे का परिचय
न्यायमूर्ति आलोक अराधे ने 1988 में वकालत शुरू की थी। इसके बाद, उन्होंने वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में कार्य किया और 2023 में तेलंगाना उच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्य किया। इसी वर्ष जनवरी में उन्हें बॉम्बे उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश बनाया गया। वहीं, अहमदाबाद में जन्मे न्यायमूर्ति पंचोली 1991 में बार में शामिल हुए और 2014 में गुजरात उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश बने। फिर 2023 में उन्हें पटना उच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश के रूप में स्थानांतरित किया गया।