Newzfatafatlogo

सैम पित्रोदा का विवादास्पद बयान: क्या भारत को पड़ोसियों के साथ संबंध सुधारने की जरूरत है?

सैम पित्रोदा, इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के प्रमुख, ने हाल ही में भारत की विदेश नीति में बदलाव की आवश्यकता पर जोर दिया है। उन्होंने पड़ोसी देशों, जैसे पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल के साथ संबंध सुधारने की बात की। उनका मानना है कि सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंधों के आधार पर संवाद बढ़ाना चाहिए। हालांकि, उनके इस बयान पर बीजेपी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है, इसे 26/11 के हमलों से जोड़ते हुए। जानें इस मुद्दे पर और क्या कहा गया है और पित्रोदा के बयान का क्या प्रभाव हो सकता है।
 | 
सैम पित्रोदा का विवादास्पद बयान: क्या भारत को पड़ोसियों के साथ संबंध सुधारने की जरूरत है?

सैम पित्रोदा का बयान

इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के प्रमुख सैम पित्रोदा एक बार फिर अपने बयानों के कारण चर्चा में हैं। उन्होंने भारत की विदेश नीति में बदलाव की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि देश को पहले अपने पड़ोसी देशों के साथ संबंध सुधारने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। यह बयान उन्होंने एक इंटरव्यू में दिया, जिसमें पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल के साथ शांति और सहयोग की बात की गई।


पड़ोसियों के साथ सांस्कृतिक संबंध

पित्रोदा ने बताया कि भारत और उसके पड़ोसी देशों के बीच सांस्कृतिक, सामाजिक और ऐतिहासिक संबंध गहरे हैं। उन्होंने कहा कि हमें अपनी विदेश नीति में पड़ोसी देशों को प्राथमिकता देनी चाहिए। हमारे पड़ोसी कठिन समय से गुजर रहे हैं, लेकिन उनके साथ टकराव का कोई लाभ नहीं है। हिंसा और आतंकवाद की समस्याएं हैं, लेकिन हमारा जीन पूल एक समान है। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल की यात्रा के दौरान उन्होंने कभी खुद को विदेशी नहीं महसूस किया। जब वह पाकिस्तान गए, तो उन्हें घर जैसा अनुभव हुआ। बांग्लादेश और नेपाल में भी ऐसा ही अनुभव रहा। वे मेरे जैसे दिखते हैं, मेरी भाषा समझते हैं, मेरे गाने सुनते हैं और मेरा खाना खाते हैं। हमें उनके साथ मिलकर रहना चाहिए।


क्षेत्रीय अस्थिरता के बावजूद संवाद की आवश्यकता

हाल ही में पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल में राजनीतिक अस्थिरता देखी गई है। बांग्लादेश और नेपाल में सत्ता परिवर्तन युवाओं के विरोध प्रदर्शनों के कारण हुआ, जबकि पाकिस्तान में 2022 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान को हटाए जाने के बाद देशभर में हिंसा फैली थी। इस क्षेत्रीय अस्थिरता के बावजूद, पित्रोदा का मानना है कि भारत को संवाद के रास्ते तलाशने चाहिए। उनका तर्क है कि पड़ोसी देशों से दूरी बढ़ाने के बजाय, समानता और सांझी विरासत को आधार बनाकर आगे बढ़ना चाहिए।


आतंकी हमले के संदर्भ में बयान

पित्रोदा का यह बयान उस समय आया है जब कुछ महीने पहले जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में एक गंभीर आतंकी हमले में 25 पर्यटकों की जान चली गई थी। इस घटना के बाद भारत और पाकिस्तान के संबंध और अधिक तनावपूर्ण हो गए थे। भारत ने कड़ा कदम उठाते हुए पाकिस्तान में मौजूद आतंकी शिविरों के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर चलाया था।


बीजेपी की प्रतिक्रिया

पित्रोदा के बयान पर भारतीय जनता पार्टी ने तुरंत प्रतिक्रिया दी। भाजपा प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने पित्रोदा के पाकिस्तान के प्रति दिए गए बयान को 26/11 मुंबई हमलों से जोड़ते हुए ट्वीट किया, "राहुल गांधी के करीबी सैम पित्रोदा कहते हैं कि उन्हें पाकिस्तान में 'घर जैसा' महसूस हुआ। यही कारण है कि यूपीए सरकार 26/11 के बाद भी पाकिस्तान पर कोई कड़ा कदम नहीं उठा पाई।"