सोनिया गांधी ने गाजा में इजरायली हमलों को बताया नरसंहार, मोदी सरकार पर उठाए सवाल

सोनिया गांधी का कड़ा बयान
नई दिल्ली। कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मंगलवार को गाजा में इजरायल के सैन्य अभियान को 'नरसंहार' करार दिया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि इस मानवीय संकट के समय में सरकार का मूकदर्शक बने रहना 'भारत के संवैधानिक मूल्यों का कायरतापूर्ण विश्वासघात' है। सोनिया ने आरोप लगाया कि गाजा में 'इजरायल के जुल्म' पर प्रधानमंत्री की 'शर्मनाक चुप्पी' निराशाजनक और 'नैतिक कायरता' का प्रतीक है।
सोनिया गांधी ने एक हिंदी दैनिक में लिखे लेख में कहा कि अब समय आ गया है कि प्रधानमंत्री स्पष्ट और साहसिक शब्दों में उस विरासत की ओर से आवाज उठाएं, जिसका भारत प्रतिनिधित्व करता आया है। उन्होंने कहा कि अक्टूबर 2023 में इजरायल में निर्दोष नागरिकों पर हमास द्वारा किए गए हमलों को कोई भी उचित नहीं ठहरा सकता।
उन्होंने कहा कि इसकी निंदा बार-बार और बिना शर्त की जानी चाहिए, लेकिन एक इंसान होने के नाते यह स्वीकार करना हमारी जिम्मेदारी है कि गाजा की जनता पर इजरायली सरकार की प्रतिक्रिया न केवल उग्र है बल्कि पूरी तरह आपराधिक भी है। सोनिया ने बताया कि पिछले दो वर्षों में 55,000 से अधिक फिलिस्तीनी नागरिक मारे गए हैं, जिनमें 17,000 बच्चे शामिल हैं। उन्होंने यह भी बताया कि फ्रांस ने फिलिस्तीनी राष्ट्र को मान्यता दी है और कई देशों ने इजरायली नेताओं पर प्रतिबंध लगाए हैं। इस मानवीय संकट के बीच भारत का मूकदर्शक बने रहना एक राष्ट्रीय शर्म की बात है।
कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि भारत लंबे समय से वैश्विक न्याय का प्रतीक रहा है और उसने उपनिवेशवाद के खिलाफ वैश्विक आंदोलनों को प्रेरित किया है। सोनिया ने कहा कि जब निर्दोष लोगों का संहार हो रहा है, तब भारत का अपने मूल्यों से विमुख होना राष्ट्रीय विवेक पर कलंक है।
उन्होंने कहा कि राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांत सरकार से अपेक्षा करते हैं कि वह अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए प्रभावी कदम उठाए, लेकिन इजराइली कदमों के समक्ष वर्तमान सरकार की 'नैतिक कायरता' संवैधानिक मूल्यों के प्रति कर्तव्यों की उपेक्षा है।
सोनिया ने कहा कि भारत हमेशा दो-राष्ट्र समाधान और इजरायल एवं फिलिस्तीन के बीच न्यायसंगत शांति का समर्थक रहा है। इंदिरा गांधी के नेतृत्व में 1974 में भारत पहला गैर-अरब देश बना जिसने फिलिस्तीन मुक्ति संगठन को मान्यता दी।
सोनिया गांधी ने कहा कि 'गाजा के लोगों पर इजरायल द्वारा किए जा रहे जुल्मों के बीच प्रधानमंत्री मोदी की चुप्पी बेहद निराशाजनक है। अब समय आ गया है कि मोदी साहसिक शब्दों में उस विरासत की ओर से आवाज उठाएं, जिसका भारत प्रतिनिधित्व करता आया है। उन्होंने कहा कि 'ग्लोबल साउथ' फिर से भारत के नेतृत्व की प्रतीक्षा कर रहा है।