सौरभ भारद्वाज का ED पर गंभीर आरोप: क्या है सच्चाई?

राष्ट्रीय समाचार:
राष्ट्रीय समाचार: सौरभ भारद्वाज ने ईडी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि एजेंसी ने केवल दिखावे के लिए यह दावा किया कि उनके 13 स्थानों पर छापेमारी की गई है। लेकिन असलियत यह है कि ईडी कोई ठोस सबूत पेश नहीं कर सकी। उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि यदि ये स्थान वास्तव में उनके नाम से जुड़े हैं, तो ईडी को स्पष्ट रूप से बताना चाहिए। भारद्वाज ने यह भी कहा कि यह केवल कागज़ी कार्रवाई है और जनता को भ्रमित करने का एक तरीका है। उन्होंने जोर देकर कहा कि ईडी को राजनीति से दूर रहकर ठोस सबूत पेश करने चाहिए। अंत में, उन्होंने तंज करते हुए कहा कि यदि वास्तव में ऐसे ठिकाने हैं, तो उन्हें बताना चाहिए ताकि वह वहां जाकर कब्जा कर सकें।
बयान में बदलाव का दबाव
बयान में बदलाव का दबाव
भारद्वाज ने बताया कि ईडी के अधिकारी मयंक अरोड़ा ने उनके 43 सवालों के जवाब रिकॉर्ड किए और बाद में कुछ हिस्सों को हटाने के लिए कहा। अधिकारियों ने नया बयान लिखकर उस पर हस्ताक्षर कराने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने स्पष्ट रूप से इनकार कर दिया।
लैपटॉप और प्रिंटर की जांच की मांग
लैपटॉप और प्रिंटर की जांच की मांग
उन्होंने कहा कि ईडी के सहायक निदेशक ने उनके वाई-फाई से बयान किसी को भेजा। भारद्वाज ने चुनौती दी कि मयंक अरोड़ा के लैपटॉप और प्रिंटर की फॉरेंसिक जांच की जाए, असली बयान वहीं से प्राप्त होगा।
पंचनामा पर उठाए सवाल
पंचनामा पर उठाए सवाल
उन्होंने खुलासा किया कि ईडी ने पहले पंचनामा में 89 पन्नों का हलफनामा सीज दिखाया, जिसे बाद में बदलकर हटा दिया गया। भारद्वाज ने आरोप लगाया कि पंचनामे में हमेशा अधिकारियों के लोग गवाह बनते हैं, यह सब केवल एक नाटक है। उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि ईडी सरकार के इशारे पर विपक्ष को फंसाने का उपकरण बन चुकी है। उन्होंने कहा कि यह एजेंसी केवल मनोवैज्ञानिक दबाव बनाकर नेताओं को डराती है और झूठे बयान थोपती है।
बेटी का जिक्र और दर्द
बेटी का जिक्र और दर्द
उन्होंने कहा कि भाजपा ने देश में ऐसा माहौल बना दिया है कि उनकी बेटी भी कहने लगी है कि "सबकुछ पैसा है"। भारद्वाज ने कहा कि ईमानदारी अब एक गुनाह बन चुकी है और भाजपा देश की नींव को कमजोर कर रही है। उन्होंने कहा कि यदि ईडी को ऐसा लगता है तो उन्हें गिरफ्तार कर लेना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि वे बदले हुए बयान पर कभी हस्ताक्षर नहीं करेंगे और अदालत में असली सबूत पेश करेंगे। उन्होंने कहा, "आज यदि हम चुप रह गए, तो कल किसी और पर हमला होगा।"