स्लोवेनिया ने इज़राइल के साथ हथियारों के व्यापार पर लगाया प्रतिबंध

इज़राइल की आलोचना बढ़ती जा रही है
इज़राइल की आलोचना: गाजा के मुद्दे पर इज़राइल की स्थिति लगातार कमजोर होती जा रही है। वहां हो रही हिंसा और मानवाधिकारों के उल्लंघन के चलते, नेतन्याहू के सहयोगी भी उनसे दूरी बना रहे हैं। फ्रांस और ब्रिटेन पहले ही इज़राइल से गाजा में हमले रोकने की अपील कर चुके हैं। इसी संदर्भ में, स्लोवेनिया ने एक महत्वपूर्ण और कठोर कदम उठाया है।
स्लोवेनिया का हथियारों के व्यापार पर प्रतिबंध
रिपोर्टों के अनुसार, स्लोवेनिया ने इज़राइल के साथ सभी प्रकार के हथियारों के सौदों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। इस निर्णय के साथ, स्लोवेनिया यूरोपीय संघ का पहला देश बन गया है जिसने गाजा संघर्ष के चलते इज़राइल के साथ 'आर्म्स ट्रेड' को समाप्त किया है।
इज़राइल को कड़ा संदेश
स्लोवेनियाई प्रधानमंत्री रॉबर्ट गोलोब पहले ही संकेत दे चुके थे कि यदि यूरोपीय संघ एकजुटता नहीं दिखाता, तो उनका देश अपने स्तर पर कठोर निर्णय लेगा। अब यह माना जा रहा है कि यह कदम इज़राइल को एक स्पष्ट कूटनीतिक संदेश देने के लिए उठाया गया है।
गाजा में स्थिति गंभीर
स्लोवेनियाई सरकार ने एक बयान में कहा, "यूरोपीय संघ के आंतरिक मतभेदों के कारण संयुक्त कार्रवाई करना कठिन हो गया है, लेकिन गाजा में स्थिति अत्यंत गंभीर है - लोगों के पास न तो स्वच्छ पानी है, न भोजन, और न ही स्वास्थ्य सेवाएं। हजारों लोग मलबे के नीचे मर रहे हैं।"
इज़राइल की नीतियों का विरोध
यह ध्यान देने योग्य है कि स्लोवेनिया और इज़राइल के बीच हथियारों का व्यापार बहुत सीमित है, लेकिन इस निर्णय का प्रतीकात्मक महत्व अत्यधिक है। यह दर्शाता है कि गाजा में हो रही घटनाओं के प्रति इज़राइल की नीतियों का वैश्विक स्तर पर विरोध बढ़ रहा है।
अन्य देशों के कदम
स्लोवेनिया ने हाल ही में दो दक्षिणपंथी इज़राइली मंत्रियों को अपने देश में प्रवेश देने से भी मना कर दिया था। उन पर फ़िलिस्तीनियों के खिलाफ हिंसा भड़काने का आरोप था। इसके अलावा, स्लोवेनिया की संसद ने जून 2024 में फ़िलिस्तीन को एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मान्यता दी थी। इससे पहले आयरलैंड, नॉर्वे और स्पेन भी ऐसा कर चुके हैं।
अन्य देशों की स्थिति
स्लोवेनिया से पहले, ब्रिटेन ने पिछले साल और स्पेन ने अक्टूबर 2023 में इज़राइल को हथियारों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया था। वहीं, नीदरलैंड, फ़्रांस और बेल्जियम में इस मुद्दे पर कानूनी प्रक्रियाएं और सख्ती जारी है।