हरिद्वार में भगदड़ से छह श्रद्धालुओं की मौत, मुख्यमंत्री ने जांच के आदेश दिए

हरिद्वार में हुई दुखद घटना
हरिद्वार/देहरादून। रविवार की सुबह मनसा देवी मंदिर के मार्ग पर भगदड़ के कारण छह श्रद्धालुओं की जान चली गई, जबकि 28 अन्य घायल हो गए। इस घटना के समय मंदिर में दर्शन के लिए भारी भीड़ जुटी हुई थी। सावन के महीने में हजारों लोग यहां आए थे, लेकिन अचानक भीड़ बेकाबू हो गई। कुछ लोगों के करंट लगने की अफवाह फैलने पर भगदड़ मच गई।
मुख्यमंत्री का त्वरित प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस घटना की मजिस्ट्रेट जांच का आदेश दिया है। उन्होंने मृतकों के परिवारों को दो लाख रुपये और घायलों को 50 हजार रुपये की सहायता देने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने तुरंत हरिद्वार जाकर अस्पताल में भर्ती घायलों से मुलाकात की और उनके इलाज की स्थिति का जायजा लिया।
राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की संवेदनाएं
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दुर्घटना पर शोक व्यक्त किया है। दोनों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर शोक संदेश साझा करते हुए पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।
आपदा प्रबंधन की कार्रवाई
आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि भगदड़ सुबह लगभग नौ बजे हुई। गंभीर रूप से घायल पांच लोगों को एम्स (AIIMS) ऋषिकेश भेजा गया, जबकि अन्य का इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है। सरकार ने हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं। जिला प्रशासन, पुलिस, एसडीआरएफ (SDRF), एनडीआरएफ (NDRF) और स्वास्थ्य विभाग की टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं और राहत कार्य शुरू किया।
घटनास्थल की स्थिति
हरिद्वार पुलिस के अनुसार, मंदिर से सौ मीटर नीचे सीढ़ियों के पास करंट फैलने की अफवाह फैली, जिससे लोग घबरा गए और अफरा-तफरी में कई लोग गिर पड़े। घटनास्थल के पास टूटे हुए तार मिले हैं, जिससे आशंका है कि भीड़ ने तार पकड़कर ऊपर चढ़ने की कोशिश की थी। एसडीआरएफ (SDRF) ने झाड़ियों और खाई की ओर तलाशी अभियान चलाया।
मृतकों की पहचान
मृतकों में बरेली का 12 वर्षीय आरुष, अररिया का 18 वर्षीय शकल देव, रामपुर का 18 वर्षीय विक्की सैनी, काशीपुर का 18 वर्षीय विपिन सैनी, बाराबंकी के वकील सिंह और बदायूं की शांति शामिल हैं।
भविष्य की सुरक्षा व्यवस्था
हादसे से लगभग आधा घंटा पहले प्रशासन ने भीड़ को सीढ़ियों वाले मार्ग से रोक दिया था। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि यदि यह कदम नहीं उठाया गया होता, तो स्थिति और भी गंभीर हो सकती थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार हर पीड़ित परिवार की मदद करेगी और शवों तथा घायलों को उनके घरों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी भी उठाएगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि सभी धार्मिक स्थलों पर भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा की व्यवस्था को फिर से परखा जाए।