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हरियाणा CET आयु सीमा पर हाई कोर्ट का महत्वपूर्ण निर्णय

पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने हरियाणा CET की आयु सीमा को 18 वर्ष मान्यता दी है, जिससे 18 साल से कम उम्र के छात्रों को झटका लगा है। इस निर्णय ने उन युवाओं की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है, जो सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे थे। जानें इस फैसले के पीछे की कहानी, इसके प्रभाव और भविष्य की संभावनाएं।
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हरियाणा CET आयु सीमा पर हाई कोर्ट का महत्वपूर्ण निर्णय

हरियाणा CET आयु सीमा पर हाई कोर्ट का निर्णय

हरियाणा CET आयु सीमा: हाई कोर्ट का बड़ा फैसला, 18 वर्ष से कम उम्र वालों के लिए झटका: पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने हरियाणा CET आयु सीमा के संबंध में एक महत्वपूर्ण निर्णय सुनाया है।


कोर्ट ने हरियाणा सरकार की नीति को मान्यता देते हुए ग्रुप सी पदों के लिए आयोजित होने वाली सामान्य पात्रता परीक्षा (CET) में न्यूनतम आयु सीमा 18 वर्ष को वैध माना है। इस निर्णय ने उन युवाओं को निराश किया है, जो 18 साल से कम उम्र में इस परीक्षा की तैयारी कर रहे थे। आइए, इस निर्णय के पीछे की कहानी, इसके प्रभाव और भविष्य की संभावनाओं को समझते हैं।


कोर्ट का निर्णय और याचिका का खारिज होना


पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय की एकल पीठ, जस्टिस अनिल खेतरपाल की अध्यक्षता में, ने हरियाणा सरकार के पक्ष में निर्णय सुनाया। यह मामला तब सामने आया जब एक नाबालिग छात्र, प्रभजीत सिंह, ने CET की आयु सीमा को चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी।


याचिकाकर्ता का तर्क था कि CET कोई भर्ती परीक्षा नहीं है, बल्कि एक प्रारंभिक पात्रता परीक्षा है। ऐसे में 18 वर्ष की न्यूनतम आयु सीमा तय करना अनुचित है। उनके वकील ने कहा कि आयु की जांच भर्ती के अंतिम चरण में होनी चाहिए, न कि प्रारंभिक स्तर पर।


हालांकि, कोर्ट ने इस तर्क को खारिज कर दिया। जस्टिस खेतरपाल ने स्पष्ट किया कि CET जैसी परीक्षाओं के लिए आयु सीमा तय करना सरकार की नीति का हिस्सा है। यह नीति न तो मनमानी है और न ही संविधान के किसी प्रावधान का उल्लंघन करती है। कोर्ट ने यह भी कहा कि संविधान के अनुच्छेद 162 के तहत राज्य सरकार को ऐसी नीतियां बनाने का अधिकार है।


प्रशासनिक पारदर्शिता और भर्ती प्रक्रिया


हरियाणा सरकार के अतिरिक्त महाधिवक्ता संजीव कौशिक ने कोर्ट में तर्क दिया कि CET का उद्देश्य एक पारदर्शी और त्वरित भर्ती प्रक्रिया सुनिश्चित करना है। इस परीक्षा के माध्यम से योग्य उम्मीदवारों का एक पूल तैयार किया जाता है, जो भविष्य में ग्रुप सी पदों के लिए चयन प्रक्रिया को सरल बनाता है। यदि 18 वर्ष से कम उम्र के उम्मीदवारों को शामिल किया गया, तो यह प्रशासनिक समस्याएं उत्पन्न कर सकता है।


सरकार ने यह भी बताया कि 25 मार्च 2022 को जारी दिशा-निर्देशों के तहत यह नीति बनाई गई थी। यह दिशा-निर्देश न केवल कानूनी रूप से सही हैं, बल्कि भर्ती प्रक्रिया को और अधिक व्यवस्थित बनाने में मदद करते हैं। कोर्ट ने इस तर्क को स्वीकार करते हुए कहा कि ऐसी नीतियों में हस्तक्षेप तभी उचित है, जब वे पूरी तरह से असंवैधानिक हों।


युवाओं पर प्रभाव और भविष्य की राह


इस निर्णय का सबसे अधिक प्रभाव उन युवा उम्मीदवारों पर पड़ेगा, जो 18 साल से कम उम्र में सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे हैं। कई छात्र 12वीं कक्षा के बाद ही प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी शुरू करते हैं। इस निर्णय से उनकी योजनाओं पर असर पड़ सकता है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि यह नीति दीर्घकाल में भर्ती प्रक्रिया को और अधिक व्यवस्थित बनाएगी।


युवाओं को सलाह दी जा रही है कि वे अपनी पढ़ाई और तैयारी जारी रखें। 18 वर्ष की आयु पूरी होने पर वे CET में शामिल हो सकते हैं। साथ ही, सरकार से यह भी अपेक्षा की जा रही है कि वह युवाओं को जागरूक करने के लिए अभियान चलाए, ताकि इस नीति के बारे में स्पष्टता हो।