हरियाणा CET: उच्च न्यायालय से मिली राहत, याचिका खारिज

हरियाणा CET पर उच्च न्यायालय का निर्णय
हरियाणा CET: उच्च न्यायालय से मिली राहत, याचिका खारिज: पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने हरियाणा सरकार और हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) को एक महत्वपूर्ण राहत प्रदान की है।
कोर्ट ने संयुक्त पात्रता परीक्षा (CET) के नियमों को चुनौती देने वाली एक याचिका को खारिज कर दिया है, जिससे सरकारी नौकरियों के लिए आयोजित इस परीक्षा की प्रक्रिया को मजबूती मिली है। यह निर्णय न केवल सरकार की नीतियों की वैधता को दर्शाता है, बल्कि उन हजारों युवाओं के लिए भी राहत की खबर है, जो इस परीक्षा के माध्यम से सरकारी नौकरी पाने की उम्मीद में हैं। हरियाणा CET
यह मामला कैथल के एक नाबालिग उम्मीदवार प्रभजीत सिंह से संबंधित है, जिन्होंने उम्र की कमी के आधार पर CET में भाग लेने से वंचित होने के खिलाफ याचिका दायर की थी। प्रभजीत ने अदालत को बताया कि उन्होंने 2023 में दसवीं और 2025 में बारहवीं कक्षा उत्तीर्ण की है, जिससे उनकी शैक्षणिक योग्यता पूरी होती है।
हालांकि, 31 दिसंबर 2024 को जारी CET नीति और 26 मई 2025 की अधिसूचना के अनुसार, 18 वर्ष से कम उम्र के उम्मीदवार आवेदन के लिए पात्र नहीं हैं। प्रभजीत की उम्र 12 जून 2025 को 17 वर्ष, 10 महीने और 20 दिन थी, जिससे वे केवल 33 दिन की कमी के कारण अयोग्य ठहराए गए। उनके वकील ने तर्क किया कि यह तकनीकी कमी उन्हें परीक्षा से वंचित करने का उचित आधार नहीं है।
हरियाणा सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता संजीव कौशिक ने अदालत में दलील दी कि CET केवल एक पात्रता परीक्षा नहीं है, बल्कि एक चयन परीक्षा है, जिसके आधार पर रिक्त पदों के लिए उम्मीदवारों का चयन किया जाता है। सरकार ने कुछ पूर्व कोर्ट के फैसलों का भी हवाला दिया।
सभी पक्षों की सुनवाई के बाद, उच्च न्यायालय ने याचिका को खारिज कर दिया, जिससे CET की नीति और प्रक्रिया पर कोई सवाल नहीं रहा। यह निर्णय हरियाणा के युवाओं के लिए सरकारी नौकरी की दिशा में एक निष्पक्ष और पारदर्शी प्रक्रिया सुनिश्चित करता है।