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हरियाणा CET नियमों पर हाईकोर्ट में चुनौती: युवा अभ्यर्थी ने उठाए सवाल

हरियाणा में सरकारी नौकरियों के लिए अनिवार्य CET नियमों को लेकर एक युवा अभ्यर्थी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। उसने उम्र सीमा को चुनौती दी है, जिसके कारण उसे परीक्षा में शामिल होने से रोका गया। यह मामला न केवल उसके व्यक्तिगत अधिकारों से जुड़ा है, बल्कि सरकारी नियमों की व्यावहारिकता पर भी सवाल उठाता है। हाईकोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा है, जिससे हजारों युवाओं की उम्मीदें टिकी हैं। इस याचिका का फैसला न केवल एक व्यक्ति के भविष्य को प्रभावित करेगा, बल्कि CET नियमों को और अधिक समावेशी बनाने की दिशा में भी एक कदम हो सकता है।
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हरियाणा CET नियमों पर हाईकोर्ट में चुनौती: युवा अभ्यर्थी ने उठाए सवाल

हरियाणा CET नियमों पर हाईकोर्ट में याचिका

हरियाणा CET नियमों पर हाईकोर्ट में चुनौती: युवा अभ्यर्थी ने उठाए सवाल चंडीगढ़: हरियाणा में सरकारी नौकरियों के लिए अनिवार्य संयुक्त पात्रता परीक्षा (CET) के नियमों को लेकर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई है, जिसने राज्य सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए हैं।


कैथल के एक युवा अभ्यर्थी ने CET-2024 की न्यूनतम उम्र सीमा को चुनौती दी है, जिसके तहत उसे महज 33 दिनों की उम्र कमी के कारण परीक्षा में शामिल होने से रोक दिया गया। यह मामला न केवल व्यक्तिगत अधिकारों की बात करता है, बल्कि सरकारी नियमों की व्यावहारिकता पर भी सवाल उठाता है। हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार से इस मामले में जवाब मांगा है, जिससे हजारों युवाओं की उम्मीदें टिकी हैं।Cet Registration


याचिकाकर्ता, प्रभजीत सिंह, ने कोर्ट को बताया कि उन्होंने 2023 में दसवीं और 2025 में बारहवीं की परीक्षा उत्तीर्ण की है, जिससे वे CET के लिए शैक्षणिक योग्यता को पूरी तरह से पूरा करते हैं। इसके बावजूद, हरियाणा सरकार की 31 दिसंबर 2024 की नीति और 26 मई 2025 की अधिसूचना में यह शर्त रखी गई है कि 18 वर्ष से कम उम्र के अभ्यर्थी आवेदन नहीं कर सकते।


प्रभजीत का कहना है कि यह नियम अन्यायपूर्ण है, क्योंकि CET केवल एक पात्रता परीक्षा है, और अंतिम चयन प्रक्रिया जुलाई 2025 के बाद शुरू होगी, जब तक वे 18 वर्ष की आयु पूरी कर चुके होंगे।


याचिका में हरियाणा सिविल सेवा नियम 2016 (संशोधित 2023) का हवाला दिया गया, जिसमें सरकारी नौकरी में नियुक्ति के लिए न्यूनतम उम्र 18 वर्ष और अधिकतम 42 वर्ष निर्धारित है।


प्रभजीत ने तर्क दिया कि चूंकि नियुक्ति से पहले वे निर्धारित उम्र सीमा को पूरा कर लेंगे, इसलिए उन्हें CET में शामिल होने का अवसर दिया जाना चाहिए। यह याचिका न केवल एक व्यक्ति की लड़ाई है, बल्कि उन सभी युवाओं की आवाज बन सकती है, जो तकनीकी नियमों के कारण अपने सपनों से वंचित हो रहे हैं।


हाईकोर्ट का यह कदम हरियाणा में सरकारी नौकरी की चाह रखने वाले युवाओं के लिए उम्मीद की किरण लाया है। इस मामले का फैसला न केवल प्रभजीत के भविष्य को प्रभावित करेगा, बल्कि भविष्य में CET नियमों को और अधिक समावेशी बनाने की दिशा में भी एक कदम हो सकता है। हरियाणा सरकार का जवाब इस मामले में निर्णायक होगा, और युवा अब इस फैसले का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।