हरियाणा आईपीएस अधिकारी की आत्महत्या: सोनिया गांधी ने न्याय की मांग की

हरियाणा आईपीएस अधिकारी की आत्महत्या का मामला
हरियाणा आईपीएस अधिकारी की आत्महत्या: हरियाणा के आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार की संदिग्ध आत्महत्या ने पूरे देश में हलचल मचा दी है। इस घटना ने न केवल पुलिस विभाग में जातिगत भेदभाव के मुद्दों को उजागर किया है, बल्कि प्रशासनिक तंत्र की संवेदनशीलता पर भी सवाल उठाए हैं।
इस मामले में कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी ने मृतक अधिकारी की पत्नी अमनीत पी. कुमार को पत्र लिखकर न्याय की मांग का समर्थन किया है।
सोनिया गांधी की संवेदना
सोनिया गांधी ने अपने पत्र में लिखा कि वाई. पूरन कुमार जैसे वरिष्ठ अधिकारी का इस तरह से निधन होना न केवल दुखद है, बल्कि यह इस बात की याद दिलाता है कि पूर्वाग्रह और जातिगत भेदभाव आज भी समाप्त नहीं हुए हैं। उन्होंने कहा, 'पूरन कुमार की मृत्यु इस बात की दर्दनाक याद दिलाती है कि कुछ लोगों के पूर्वाग्रह और पक्षपात आज भी सामाजिक न्याय की भावना को कुचलते हैं। मैं और देश के करोड़ों लोग इस न्याय की लड़ाई में आपके साथ हैं।' गांधी ने अमनीत कुमार और उनके परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की और ईश्वर से उन्हें शक्ति और धैर्य देने की प्रार्थना की।
राहुल गांधी का शोक
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी इस घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा, 'हरियाणा के आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की आत्महत्या उस बढ़ते सामाजिक जहर की दर्दनाक मिसाल है, जो जाति के नाम पर इंसानियत को कुचल रहा है।'
पूरन कुमार का सुसाइड नोट
पूरन कुमार ने छोड़ा आठ पन्नों का नोट: पूरन कुमार (52) हरियाणा पुलिस के 2001 बैच के आईपीएस अधिकारी थे। मंगलवार को उन्होंने चंडीगढ़ स्थित अपने घर में कथित रूप से खुद को गोली मार ली। उनके पास से एक सुसाइड नोट मिला, जिसमें उन्होंने हरियाणा डीजीपी शत्रुजीत सिंह कपूर और रोहतक एसपी नरेंद्र बिजारनिया सहित आठ वरिष्ठ अधिकारियों पर उत्पीड़न और जातिगत भेदभाव के गंभीर आरोप लगाए।
उनकी पत्नी अमनीत कुमार उस समय मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के साथ जापान के आधिकारिक दौरे पर थीं। उन्होंने पति की मौत के लिए 'सिस्टेमैटिक पर्सीक्यूशन' यानी सुनियोजित उत्पीड़न को जिम्मेदार ठहराया।
जांच के आदेश और SIT का गठन
सरकार ने दिए जांच के आदेश: पूरन कुमार के सुसाइड नोट के आधार पर चंडीगढ़ पुलिस ने एससी-एसटी एक्ट और आत्महत्या के लिए उकसाने की धाराओं में एफआईआर दर्ज की है। शुक्रवार को छह सदस्यीय एसआईटी गठित की गई, जिसका नेतृत्व चंडीगढ़ के आईजी पुष्पेंद्र कुमार करेंगे। जांच को 'समयबद्ध और निष्पक्ष' तरीके से करने के निर्देश दिए गए हैं। विवाद बढ़ने के बाद हरियाणा सरकार ने रोहतक एसपी नरेंद्र बिजारनिया का तबादला कर दिया है। उनकी जगह आईपीएस सुरिंदर सिंह भोरिया को नियुक्त किया गया है।
मुख्यमंत्री का बयान
राजनीति नहीं, न्याय की जरूरत: मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पंचकूला में भाजपा कार्यसमिति की बैठक में कहा कि 'दोषी कितना भी बड़ा क्यों न हो, उसे बख्शा नहीं जाएगा।' उन्होंने कहा कि परिवार ने न्याय की मांग की है और सरकार हर स्तर पर जांच सुनिश्चित करेगी। सैनी ने विपक्ष से अपील की कि इस संवेदनशील मामले को राजनीति से दूर रखा जाए। उन्होंने बताया कि जापान से लौटते समय उन्होंने अमनीत कुमार से बात की और दो अधिकारियों को उनके साथ भेजा ताकि उन्हें किसी भी स्तर पर असुविधा न हो।
भेदभाव के खिलाफ आवाज उठी
भेदभाव के खिलाफ उठी आवाज: पूरन कुमार की मौत के बाद देशभर के राजनीतिक और सामाजिक संगठनों ने न्याय की मांग तेज कर दी है। कांग्रेस नेताओं रणदीप सिंह सुरजेवाला, दीपेंद्र हुड्डा और पूर्व पंजाब सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने अमनीत कुमार से मुलाकात की। आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया ने भी इस मामले को 'प्रशासनिक उत्पीड़न का प्रतीक' बताया। बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि यह घटना इस बात का प्रमाण है कि सरकारी व्यवस्था में जातिगत भेदभाव आज भी जीवित है, और उन्होंने स्वतंत्र जांच की मांग की।
यह मामला न केवल एक अधिकारी की दुखद मृत्यु का है, बल्कि उस व्यवस्था पर सवाल उठाता है जो सामाजिक न्याय और समानता के सिद्धांतों पर चलने का दावा करती है। अब सबकी निगाहें इस पर हैं कि क्या हरियाणा सरकार और केंद्र मिलकर इस पीड़ित परिवार को सच्चा न्याय दिला पाएंगे।