Newzfatafatlogo

हरियाणा में चार गांवों के नामों में बदलाव, नई पहचान मिली

हरियाणा की सैनी सरकार ने चार गांवों के नामों में बदलाव किया है, जिससे उन्हें नई पहचान मिली है। सोनीपत और यमुनानगर के गांवों के नाम अब शिवनगरी, प्रेमसुख नगर, सज्जनपुर और व्यासपुर होंगे। यह बदलाव ग्रामीणों के लिए गर्व का विषय बन गया है। जानें इस प्रक्रिया के पीछे की कहानी और अन्य गांवों के नामों में बदलाव के बारे में।
 | 
हरियाणा में चार गांवों के नामों में बदलाव, नई पहचान मिली

गांवों के नामों में बदलाव

हरियाणा की सैनी सरकार ने चार गांवों के नाम बदलने का निर्णय लिया है, जिससे इन गांवों को एक नई पहचान मिली है। मनोहर सरकार ने भी कई गांवों के नाम बदलने की प्रक्रिया शुरू की थी। आइए जानते हैं, इन चार गांवों के नए नाम क्या हैं।


नए नामों की सूची

सोनीपत के गांव धनाना अलादादपुर का नाम अब शिवनगरी रखा गया है, जबकि मोहम्दाबाद का नाम प्रेमसुख नगर होगा। यमुनानगर के दुर्जनपुर को सज्जनपुर और व्यासपुर के नाम से जाना जाएगा।


गर्व से बताने का अवसर

पहले ग्रामीणों को अपने गांवों के नाम बताने में संकोच होता था, लेकिन अब वे गर्व से अपने गांव का नाम साझा कर सकेंगे। हरियाणा सरकार ने इन चारों गांवों के नाम बदलने का आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी कर दिया है, और अब ये नाम दस्तावेजों में भी दर्ज होंगे।


नाम बदलने की प्रक्रिया

हरियाणा में अपमानजनक नामों को बदलने की प्रक्रिया 2015 में शुरू हुई थी, जब एक 12 वर्षीय छात्रा ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर अपने गांव के नाम को लेकर चिंता जताई थी। पीएम मोदी ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार को उचित कदम उठाने का निर्देश दिया। इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गंदा गांव का नाम बदलकर अजीत नगर रखा।


खट्टर सरकार का योगदान

खट्टर सरकार ने पिछले 10 वर्षों में 22 गांवों के नाम बदले हैं, जिनमें से 4 गांवों के नाम हाल ही में बदले गए हैं। जींद जिले में सबसे अधिक 4 गांवों के नाम बदले गए हैं, जबकि यमुनानगर में 3 गांवों के नाम में बदलाव किया गया है।


अन्य गांवों के नामों में बदलाव

कुछ अन्य गांवों के नाम भी बदले गए हैं, जैसे: पिंडारी को पांडु पिंडारा, टोडी खेड़ी को सरना खेड़ी, और गंदा खेड़ा को गुरुकुल खेड़ा।


पंचायतों का सुझाव

गांवों के नाम बदलने के लिए पंचायतें सुझाव दे सकती हैं। इसके लिए ग्राम पंचायत को पहले प्रस्ताव पास करना होगा, जिसमें नाम बदलने का कारण बताना होगा। यह प्रस्ताव खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी के माध्यम से डीसी के पास जाएगा।