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हरियाणा में न्यूनतम मजदूरी में वृद्धि का ऐतिहासिक कदम

हरियाणा में श्रमिकों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है, जिसमें न्यूनतम मजदूरी दरों में संशोधन की प्रक्रिया शुरू की गई है। इससे लगभग 50 लाख श्रमिकों को लाभ मिलने की उम्मीद है। यह निर्णय पांच साल की देरी के बाद लिया गया है और इसके तहत एक समिति का गठन किया गया है, जो मजदूरी संरचना को न्यायसंगत बनाने की दिशा में कार्य करेगी। यह पहल श्रमिकों के जीवन स्तर को सुधारने के साथ-साथ आर्थिक समानता को भी बढ़ावा देगी।
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हरियाणा में न्यूनतम मजदूरी में वृद्धि का ऐतिहासिक कदम

हरियाणा में श्रमिकों के लिए राहत

हरियाणा में न्यूनतम मजदूरी: श्रमिकों के लिए राहत का बड़ा कदम: चंडीगढ़: हरियाणा के लाखों श्रमिकों के लिए एक सकारात्मक समाचार है। राज्य सरकार ने न्यूनतम मजदूरी दरों में बदलाव की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिससे लगभग 50 लाख श्रमिकों को लाभ मिलने की संभावना है।


यह निर्णय पांच साल की देरी के बाद लिया गया है, क्योंकि पिछली बार मजदूरी दरों में संशोधन 2015 में होना था। अब सरकार ने इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर विचार-विमर्श और सुझाव देने के लिए एक समिति और उप-समिति का गठन किया है, जो मजदूरी संरचना को और अधिक न्यायसंगत बनाने की दिशा में कार्य करेगी। यह पहल श्रमिकों के जीवन स्तर को सुधारने के साथ-साथ आर्थिक समानता को भी बढ़ावा देगी।Haryana minimum wage


नई समिति की अध्यक्षता जॉइंट लेबर कमिश्नर परमजीत सिंह करेंगे। समिति में श्रम, वित्त, और योजना विभाग के दो अधिकारी और कर्मचारी तथा श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधि शामिल होंगे।


कर्मचारियों की ओर से जे.एन. मंग्ला, रमन सलुजा, विनोद गुप्ता, सुखदेव सिंह, और एस.एस. सरोहा जैसे नाम हैं, जबकि श्रमिकों की ओर से सुरेखा, अशोक कुमार, अनिल पवार, नसीम जाखड़, और सूर्य देव को चुना गया है। इसके अलावा, बीएमएस के जोनल ऑर्गेनाइजेशन सेक्रेटरी पवन कुमार को विषय विशेषज्ञ के रूप में शामिल किया गया है। उप-समिति की कमान डिप्टी लेबर कमिश्नर विश्वजीत सिंह हुड्डा के हाथों में होगी, जिसमें प्रमोद गुप्ता, अजीत यादव, विनोद कुमार, और रमेश चंद्र महरानियां जैसे प्रतिनिधि शामिल हैं।


यह समिति अगले दो वर्षों तक कार्य करेगी और पड़ोसी राज्यों की मजदूरी संरचना का अध्ययन करेगी। इसके साथ ही, हितधारकों के साथ विचार-विमर्श के बाद 90 दिनों के भीतर अपनी सिफारिशें प्रस्तुत करेगी।


यह कदम हरियाणा के श्रमिकों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आया है, क्योंकि न्यूनतम मजदूरी में वृद्धि से न केवल उनकी आय बढ़ेगी, बल्कि उनके परिवारों का जीवन स्तर भी बेहतर होगा। यह पहल हरियाणा सरकार की श्रमिक कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है, और इसके परिणाम जल्द ही सामने आने की उम्मीद है।