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हरियाणा में न्यूनतम वेतन बढ़ाने की मांग को लेकर सीटू का प्रदर्शन

हरियाणा में मजदूर संगठन सीटू ने न्यूनतम वेतन को 26 हजार रुपये करने की मांग को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो नौ जुलाई को हड़ताल की जाएगी। इस आंदोलन में विभिन्न श्रमिक वर्गों ने भाग लिया और सरकार की नीतियों के खिलाफ नारेबाजी की। जानें इस प्रदर्शन के पीछे की वजह और आगे की रणनीति।
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हरियाणा में न्यूनतम वेतन बढ़ाने की मांग को लेकर सीटू का प्रदर्शन

सीटू का आह्वान और प्रदर्शन

सोनीपत- हरियाणा में मजदूर संगठन सीटू ने न्यूनतम वेतन को 26 हजार रुपये करने की मांग को लेकर एक बैठक का आयोजन किया। इस बैठक में संगठन से जुड़े सभी यूनियनों के कार्यकर्ता छोटूराम धर्मशाला में एकत्रित हुए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि केंद्र और राज्य सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती हैं, तो नौ जुलाई को होने वाली राष्ट्रीय हड़ताल के दौरान सोनीपत जिले के सभी विभागों, औद्योगिक क्षेत्रों, और स्वास्थ्य एवं शिक्षा संस्थानों में काम बंद कर दिया जाएगा।


प्रदर्शनकारियों ने उपायुक्त कार्यालय की ओर बढ़ते हुए नारेबाजी की, जिसमें सीटू के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा, प्रधान अनीता और सचिव राजेश टांकी शामिल थे। उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन भी सौंपा।


सीटू के नेताओं ने कहा कि हरियाणा सरकार ने पिछले दस वर्षों में न्यूनतम वेतन में कोई संशोधन नहीं किया है, जबकि नियमों के अनुसार इसे हर पांच साल में संशोधित किया जाना चाहिए। इस देरी के कारण मजदूरों में असंतोष बढ़ रहा है। प्रदेश भर में विभिन्न श्रमिक वर्गों ने प्रदर्शन कर अपनी मांगें उठाई हैं।


उन्होंने बताया कि यदि 2020 में न्यूनतम वेतन को संशोधित किया गया होता, तो अब यह 28-30 हजार रुपये होना चाहिए था। लेकिन सरकार ने 26 हजार रुपये की मांग को भी ठुकरा दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में एक लाख से अधिक स्कीम वर्कर्स और लाखों आउटसोर्स तथा ठेका कर्मचारी काम कर रहे हैं, जिन्हें बहुत कम वेतन दिया जा रहा है।


प्रदर्शनकारियों ने सरकार से मांग की कि न्यूनतम वेतन 26 हजार रुपये से कम नहीं होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों के कारण महंगाई और बेरोजगारी में वृद्धि हुई है। यदि उनकी मांगें समय पर नहीं मानी गईं, तो नौ जुलाई को हड़ताल का आयोजन किया जाएगा।