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हरियाणा में बाहरी लोगों की भर्ती पर भूपेंद्र सिंह हुड्डा की चिंता

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने राज्य में बाहरी लोगों की भर्ती पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार स्थानीय युवाओं को नजरअंदाज कर रही है और बाहरी राज्यों के लोगों को नौकरियों में प्राथमिकता दे रही है। हुड्डा ने कहा कि यह स्थिति हरियाणा में बेरोजगारी को बढ़ा रही है। उन्होंने सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि अन्य राज्यों की तुलना में हरियाणा में स्थानीय लोगों को नौकरी देने के लिए नियमों में ढील दी जा रही है।
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हरियाणा में बाहरी लोगों की भर्ती पर भूपेंद्र सिंह हुड्डा की चिंता

हरियाणा में नौकरियों की स्थिति

चंडीगढ़- हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि राज्य की सरकार स्थानीय युवाओं की बजाय अन्य राज्यों के लोगों को बड़ी नौकरियों में भर्ती कर रही है। उन्होंने कहा कि ठेके भी बाहरी कंपनियों को दिए जा रहे हैं।


हुड्डा ने बताया कि भाजपा सरकार ने अब अन्य राज्यों से लोगों को डेपुटेशन पर लाने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है, जैसे कि हाल ही में तहसीलदार पद के लिए हुआ डेपुटेशन। उन्होंने यह भी कहा कि हरियाणा में स्थानीय लोगों का नौकरी पर पहला अधिकार होना चाहिए। अन्य राज्य अपने युवाओं को नौकरियों में प्राथमिकता देने के लिए नियम बनाते हैं, लेकिन हरियाणा में सरकार इसके विपरीत नीतियां बना रही है। यही कारण है कि हरियाणा बेरोजगारी के मामले में देश में सबसे ऊपर है।


हुड्डा ने कहा कि तहसीलदार का डेपुटेशन अकेला मामला नहीं है। हाल ही में सिंचाई विभाग में अस्सिटेंट इंजीनियर्स की भर्ती में भी यही स्थिति रही, जहां सामान्य वर्ग के 42 पदों में से 28 लोगों को अन्य राज्यों से नियुक्त किया गया। इससे पहले भी कई भर्तियों में स्थानीय युवाओं के साथ धोखा हुआ है। उपायुक्त कार्यालयों में सुशासन सहयोगी की नियुक्ति से लेकर एचपीएससी के चेयरमैन तक की नियुक्ति बाहरी लोगों से की गई है।


उन्होंने यह भी कहा कि जबकि अन्य राज्य, विशेषकर भाजपा शासित राज्य, स्थानीय लोगों को प्राथमिकता देने के लिए सख्त नियम बना रहे हैं, हरियाणा सरकार ने भर्ती पेपरों से स्थानीय सामान्य ज्ञान के प्रश्नों को लगभग समाप्त कर दिया है।


हुड्डा ने भाजपा की हरियाणवी विरोधी नीति को उजागर करते हुए कहा कि डोमिसाइल नियमों में ढील देकर 15 साल की शर्त को घटाकर पांच साल कर दिया गया है। इससे कोई भी व्यक्ति आसानी से हरियाणा का डोमिसाइल प्राप्त कर सकता है और न केवल सामान्य वर्ग बल्कि आरक्षित श्रेणी की नौकरियों में भी आवेदन कर सकता है। उन्होंने याद दिलाया कि भाजपा-जजपा सरकार ने प्राइवेट नौकरियों में 75 प्रतिशत हरियाणा वालों को नौकरी देने का वादा किया था, लेकिन अब यह सरकार बाहरी लोगों को भर्ती करने की नीति पर आगे बढ़ रही है।