Newzfatafatlogo

हरियाणा में भाजपा विधायक की रिकाउंटिंग याचिका हाईकोर्ट ने खारिज की

हरियाणा के जींद जिले में भाजपा विधायक देवेंद्र अत्री की वोटों की रिकाउंटिंग की याचिका को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। कांग्रेस के प्रत्याशी बृजेंद्र सिंह ने इस मामले में याचिका दायर की थी। कोर्ट ने सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखा था, जो अब सुनाया गया है। बृजेंद्र सिंह केवल 32 वोटों से चुनाव हार गए थे। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और आगामी सुनवाई की तारीख।
 | 
हरियाणा में भाजपा विधायक की रिकाउंटिंग याचिका हाईकोर्ट ने खारिज की

उचाना से कांग्रेस प्रत्याशी की याचिका पर सुनवाई


हरियाणा के जींद जिले की उचाना विधानसभा से भाजपा विधायक देवेंद्र अत्री को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। दरअसल, विधायक ने चुनावों में वोटों की पुनर्गणना पर रोक लगाने के लिए याचिका दायर की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया। कांग्रेस के प्रत्याशी बृजेंद्र सिंह ने भी इसी मुद्दे पर याचिका दायर की थी।


भाजपा विधायक ने बृजेंद्र सिंह की याचिका को खारिज करने की मांग की थी। न्यायमूर्ति अनूप चिटकारा की अदालत ने 11 सितंबर को सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। आज इस पर निर्णय सुनाते हुए अदालत ने देवेंद्र अत्री की याचिका को खारिज कर दिया है। अब बृजेंद्र सिंह की याचिका पर नियमित सुनवाई शुरू होगी, जो 19 सितंबर को होगी।


बृजेंद्र सिंह की हार का अंतर

32 वोटों से हारे बृजेंद्र सिंह


उचाना विधानसभा चुनाव में भाजपा के देवेंद्र अत्री को 48,968 वोट मिले, जबकि कांग्रेस के बृजेंद्र सिंह को 48,936 वोट मिले। इस चुनाव में बृजेंद्र सिंह केवल 32 वोटों से हार गए थे। कुल 400 बैलेट पेपर की गिनती की गई थी, जिनमें से 215 वोट त्रुटियों के कारण रद्द कर दिए गए थे।


कोर्ट में दलीलें और निर्णय

दलीलें सुनने के बाद सुरक्षित रखा गया फैसला


इस मामले में बृजेंद्र सिंह ने अपनी याचिका में कुछ अतिरिक्त बातें जोड़ी थीं, जिसके बाद भाजपा विधायक ने कहा कि बृजेंद्र की याचिका को खारिज किया जाना चाहिए। सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों ने अपनी दलीलें पेश कीं।


गुरुवार को सुनवाई के दौरान, देवेंद्र अत्री के वकील ने याचिका को खारिज करने की मांग की, जबकि बृजेंद्र सिंह के वकील ने इसका विरोध किया। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।


कैंसिल वोटों की जांच का मुद्दा

कैंसिल वोटों की दोबारा गिनती नहीं हुई


मार्च 2025 में बृजेंद्र सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दायर करते हुए कहा था कि जो कैंसिल या रद्द वोट होते हैं, यदि उनका अंतर चुनावी परिणाम के अंतर से अधिक है, तो उन सभी की दोबारा जांच होनी चाहिए। लेकिन ऐसा नहीं किया गया।