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हरियाणा में भ्रष्ट पटवारियों की सूची पर हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब

हरियाणा में पटवारियों को भ्रष्ट बताने वाली एक सूची के वायरल होने के मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा है। इस सूची में 370 पटवारियों और 170 निजी व्यक्तियों के नाम शामिल हैं। अदालत ने सरकार को एक सप्ताह का समय दिया है कि वह बताए कि इस सूची को लीक करने के लिए किस अधिकारी को जिम्मेदार ठहराया गया है। याचिकाकर्ता ने अधिकारों की रक्षा की मांग की है और बिना जांच के आरोप लगाने को संविधान का उल्लंघन बताया है।
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हरियाणा में भ्रष्ट पटवारियों की सूची पर हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब

हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को दिया एक सप्ताह का समय


चंडीगढ़ में हाईकोर्ट ने उठाया गंभीर मुद्दा
हरियाणा में पटवारियों को भ्रष्ट बताने वाली एक सूची के वायरल होने का मामला अब पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में पहुंच चुका है। अदालत ने इस मामले में हरियाणा सरकार से जवाब मांगा है। इस सूची में 370 पटवारियों और 170 निजी व्यक्तियों के नाम शामिल हैं। सभी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है, जिसमें सरकार को पार्टी बनाया गया है। सुनवाई के दौरान, अदालत ने स्पष्ट किया कि यह एक गंभीर मामला है और राज्य सरकार को एक सप्ताह के भीतर यह बताना होगा कि इस सूची को लीक करने के लिए किस अधिकारी या कर्मचारी को जिम्मेदार ठहराया गया है और अब तक क्या कार्रवाई की गई है।


याचिकाकर्ता ने अधिकारों की रक्षा की मांग की

याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट से अनुरोध किया कि उन 370 पटवारियों और 170 निजी व्यक्तियों के मूलभूत अधिकारों की रक्षा की जाए, जिनका नाम भ्रष्ट पटवारियों के रूप में सूची में प्रकाशित किया गया है।


बिना जांच के आरोप लगाना अधिकारों का उल्लंघन


हाईकोर्ट के वकील साहिबजीत सिंह संधू ने याचिका में कहा कि इस सूची के सार्वजनिक होने के बाद विभिन्न मीडिया में इसका प्रकाशन हुआ। बिना किसी आधिकारिक जांच के पटवारियों और निजी व्यक्तियों को भ्रष्ट बताना उनके अधिकारों का उल्लंघन है और यह संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत उनके मौलिक अधिकारों पर कुठाराघात है। याचिकाकर्ता ने यह भी मांग की कि इस लीक के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों की पहचान करने और उन्हें जवाबदेह ठहराने के लिए एक स्वतंत्र जांच की जाए।