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हरियाणा में राशन तेल की कीमतों में बड़ा बदलाव: अब सस्ता मिलेगा केवल एक लीटर

हरियाणा सरकार ने राशन तेल की कीमतों में महत्वपूर्ण बदलाव किया है, जिसके तहत अब केवल एक लीटर सस्ता सरसों का तेल उपलब्ध होगा। पहले जहां दो लीटर तेल ₹40 में मिलता था, वहीं अब इसके लिए ₹100 चुकाने होंगे। इस निर्णय का प्रभाव 46 लाख राशन कार्डधारकों पर पड़ेगा। खाद्य मंत्री का कहना है कि यह कदम खपत को नियंत्रित करने के लिए उठाया गया है। विपक्ष ने इस मुद्दे पर सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया है कि बीपीएल कार्ड का चुनावी लाभ उठाया गया है। जानें पूरी जानकारी।
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हरियाणा में राशन तेल की कीमतों में बड़ा बदलाव: अब सस्ता मिलेगा केवल एक लीटर

हरियाणा राशन तेल की नई कीमतें

हरियाणा राशन तेल कीमत में बदलाव: अब केवल एक लीटर तेल मिलेगा सस्ते दाम पर: हरियाणा सरकार ने राशन तेल की कीमतों में बदलाव कर बीपीएल परिवारों को एक बड़ा झटका दिया है।


अब राशन डिपो से केवल एक लीटर सस्ता सरसों का तेल उपलब्ध होगा। पहले जहां दो लीटर तेल ₹40 में मिलता था, वहीं अब इसके लिए ₹100 चुकाने होंगे। इस प्रकार, कीमतों में काफी वृद्धि हुई है। यह बदलाव जुलाई से लागू किया गया है। हालांकि, यदि कोई परिवार केवल एक लीटर तेल लेना चाहता है, तो उसे ₹30 का भुगतान करना होगा। इस निर्णय का प्रभाव राज्य के 46 लाख राशन कार्डधारकों पर पड़ेगा।


सरकार का दृष्टिकोण: सीमित खपत का प्रयास


खाद्य एवं आपूर्ति राज्य मंत्री राजेश नागर ने कहा कि दरें नहीं बदली गई हैं, बल्कि खपत को नियंत्रित करने का प्रयास किया गया है। पहले दो लीटर तेल ₹40 में मिलता था, अब एक लीटर ₹30 और दो लीटर ₹100 में मिलेगा। इसका उद्देश्य वितरण को संतुलित करना है।


इसके अलावा, चीनी और गेहूं की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया है, जो ₹12.50 प्रति किलो के हिसाब से निःशुल्क दिए जाते हैं। यह बदलाव जुलाई के राशन वितरण में स्पष्ट रूप से दिखाई देगा।


विपक्ष का आरोप: बीपीएल कार्ड का चुनावी उपयोग


इस मुद्दे पर विपक्ष ने सरकार पर लगातार हमला किया है। पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने आरोप लगाया है कि भाजपा ने चुनाव के समय बीपीएल कार्ड को वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया था।


उनके अनुसार, चुनाव से पहले एक लाख 80 हजार रुपए से कम आय वाले परिवारों को बीपीएल कार्ड जारी किए गए थे, लेकिन अब उन्हें सूची से बाहर किया जा रहा है। विपक्ष का कहना है कि सरकार का यह कदम गरीबों के अधिकारों पर हमला है।