हरियाणा विधानसभा में वंदे मातरम् पर हंगामा, कांग्रेस विधायकों और मार्शलों के बीच झड़प
हरियाणा विधानसभा का शीतकालीन सत्र
सीएम ने अविश्वास प्रस्ताव पर किया हमला
हरियाणा विधानसभा का शीतकालीन सत्र आज अपने दूसरे दिन में प्रवेश कर गया है। इस दिन सदन में काफी हंगामा देखने को मिला। शून्यकाल के बाद विधायक घनश्याम ने वंदे मातरम् पर चर्चा का प्रस्ताव रखा, जिसे स्पीकर हरविंद्र कल्याण ने मंजूर कर लिया। लंच के बाद मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इस विषय पर अपनी बात रखनी शुरू की। उन्होंने कहा कि यह चर्चा सभी के लिए महत्वपूर्ण है और इससे युवाओं को जानकारी मिलेगी। इस पर कांग्रेस विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया।
विधायकों और मार्शलों के बीच झड़प
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में कांग्रेस विधायक वेल में जाकर बैठ गए। इस पर स्पीकर ने 9 कांग्रेस विधायकों को नियमों के उल्लंघन के कारण सदन से बाहर जाने का आदेश दिया। जब मार्शल ने उन्हें बाहर जाने के लिए कहा, तो उन्होंने मना कर दिया, जिसके परिणामस्वरूप विधायकों और मार्शलों के बीच हाथापाई हुई। बाद में, कुछ समय बाद, विधायकों को वापस बुला लिया गया।
अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा
सदन में अब अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा हो रही है, जिसके लिए 2 घंटे का समय निर्धारित किया गया है। कांग्रेस विधायक रघुवीर कादियान ने आरोप लगाया कि सरकार से जनता का विश्वास उठ चुका है। उन्होंने कहा कि भाजपा कांग्रेस के लिए पर्ची-खर्ची की बातें करती है, जबकि भाजपा के राज में विश्वविद्यालयों में वाइस चांसलर पर्ची-खर्ची से नियुक्त किए गए हैं।
सीएम का बयान
सीएम नायब सैनी ने कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव पर कहा कि इससे बेहतर संदेश जनता के बीच नहीं गया। उन्होंने कहा कि उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस को ध्यान से पढ़ा और उसमें विपक्ष के नेता के हस्ताक्षर नहीं देखे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को हुड्डा पर भरोसा नहीं है, और जनता को भी कांग्रेस पर भरोसा नहीं है।
वंदे मातरम् पर सवाल
कांग्रेस विधायक आदित्य सुरजेवाला ने वंदे मातरम् पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार को बताना चाहिए कि क्या यह चर्चा आवश्यक है। उन्होंने कहा कि उद्योगपतियों को पहाड़ों की बिक्री की जा रही है, फिर भी सरकार इसे जरूरी बताती है।
कांग्रेस विधायक का आरोप
कांग्रेस विधायक अशोक अरोड़ा ने सदन में धान घोटाले का मुद्दा उठाया और कहा कि इसमें कुछ बड़े नेता भी शामिल हैं। उन्होंने सरकार से मांग की कि इस घोटाले की जांच हाईकोर्ट के सिटिंग जज से कराई जाए।
