हरियाणा सरकार एक लाख परिवारों को देगी 100 गज के प्लॉट

मुख्यमंत्री का बड़ा ऐलान
चंडीगढ़- हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बुधवार को जानकारी दी कि अंत्योदय श्रेणी में शामिल एक लाख भूमि से वंचित परिवारों को जल्द ही 100-100 गज के प्लॉट आवंटित किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि इस योजना के पहले चरण के बाद, अगले चरण में एक लाख और परिवारों का चयन किया जाएगा। इसके अलावा, 15 अगस्त से 10 जिलों के सरकारी अस्पतालों में आधुनिक सेवाओं और उपकरणों के साथ सभी प्रकार की बीमारियों का इलाज शुरू होगा, जिससे प्रदेशवासियों को सस्ती दरों पर बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी।
धन्यवादी कार्यक्रम में मुख्यमंत्री की घोषणाएं
मुख्यमंत्री ने लाडवा विधानसभा के गांव ढंगाली, डीग, बीड कालवा और धनानी में आयोजित धन्यवादी कार्यक्रम के दौरान लोगों की समस्याएं सुनीं और अधिकारियों को मौके पर ही समाधान के निर्देश दिए। उन्होंने गांव ढंगाली में स्वच्छ पेयजल की पाइपलाइन के लिए 55 लाख 41 हजार रुपये, बीड कालवा में 52 लाख 64 हजार रुपये और गांव धनानी के लिए 27 लाख 15 हजार रुपये देने की घोषणा की। इसके साथ ही, गांव डीग में 6 करोड़ 38 लाख 42 हजार रुपये की लागत से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का शिलान्यास किया गया।
किसानों के लिए नई योजनाएं
सैनी ने बताया कि कुरुक्षेत्र जिले के किसान सूरजमुखी की फसल को अधिक मात्रा में उगाते हैं, इसलिए सरकार ने शाहबाद में सूरजमुखी ऑयल मिल लगाने का निर्णय लिया है। इसके अलावा, रेवाड़ी में सरसों ऑयल मिल के लिए भी स्थान चिन्हित किया गया है। इससे किसानों को उनकी फसलों का उचित मूल्य मिलेगा। उन्होंने यह भी कहा कि हरियाणा देश का पहला राज्य है जहां किसानों की सभी फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीदा जा रहा है।
सामाजिक कल्याण योजनाएं
मुख्यमंत्री ने बताया कि जिन परिवारों की आय एक लाख 80 हजार रुपये से कम है, उन्हें 500 रुपये में गैस सिलेंडर उपलब्ध कराया जा रहा है। इस योजना का लाभ प्रदेश के 18 लाख परिवार ले रहे हैं। आयुष्मान कार्ड योजना के तहत 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज भी दिया जा रहा है। 70 वर्ष से ऊपर के बुजुर्गों के लिए 10 लाख रुपये तक का इलाज इस योजना में शामिल है। इसके लिए सरकार ने 6 करोड़ रुपये की राशि जारी की है।
ग्रामीणों के लिए नई नीति
मुख्यमंत्री ने कहा कि गांव की पंचायती भूमि पर 20 वर्ष से अधिक समय से मकान बनाकर रहने वाले ग्रामीणों को कोर्ट और अन्य मुकदमों से राहत देने के लिए एक नीति बनाई गई है। अब ऐसे परिवार 500 वर्ग गज तक की भूमि की रजिस्ट्री अपने नाम करवा सकते हैं।