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हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश से 700 करोड़ का नुकसान, सरकार ने उठाए कदम

हिमाचल प्रदेश में हाल की भारी बारिश और भूस्खलन ने 700 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान पहुंचाया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रभावित परिवारों के लिए 5000 रुपये मासिक किराया देने की घोषणा की है। इसके साथ ही, स्थानीय प्रशासन खाद्य सामग्री भी उपलब्ध कराएगा। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सहायता का आश्वासन दिया है, और एक केंद्रीय टीम नुकसान का आकलन करने के लिए आ रही है। इस बीच, सीएम ने राजनीतिक प्रतिक्रियाओं पर भी टिप्पणी की है।
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हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश से 700 करोड़ का नुकसान, सरकार ने उठाए कदम

आपदा से प्रभावित परिवारों के लिए सहायता

शिमला- हिमाचल प्रदेश में हाल की भारी बारिश और भूस्खलन के कारण 700 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने घोषणा की है कि सरकार आपदा से प्रभावित परिवारों को 5000 रुपये मासिक किराया प्रदान करेगी। यह सहायता उन परिवारों को दी जाएगी जो पड़ोसियों के घरों या अन्य स्थानों पर किराए पर रह रहे हैं। इसके साथ ही, स्थानीय प्रशासन प्रभावित परिवारों को खाद्य सामग्री भी उपलब्ध कराएगा।


केंद्रीय सहायता और नुकसान का आकलन

सीएम सुक्खू ने बताया कि उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से आपदा के नुकसान पर चर्चा की है, जिन्होंने हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है। आज एक केंद्रीय टीम भी हिमाचल प्रदेश में नुकसान का आकलन करने के लिए आ रही है। डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री, तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी, डिप्टी स्पीकर विनय कुमार और अन्य विधायकों के साथ मिलकर महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। मंत्रिमंडल के सभी सदस्य अपने-अपने विभागों की समीक्षा बैठक कर रहे हैं।


आपदा के प्रभाव और राजनीतिक प्रतिक्रिया

सीएम सुक्खू ने कहा कि बारिश के कारण सड़कों, बिजली और जल आपूर्ति योजनाओं को गंभीर नुकसान हुआ है। अब तक 69 लोगों की मौत हो चुकी है, 37 लोग लापता हैं और 100 से अधिक घायल हुए हैं। वर्तमान में 280 सड़कें बंद हैं, 332 स्थानों पर बिजली सेवा बाधित है और 784 जल आपूर्ति प्रभावित है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार आपदा प्रभावितों की हर संभव मदद करेगी।


सीएम ने नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर पर भी निशाना साधा, कहा कि उन्हें राजनीति नहीं करनी चाहिए। उन्होंने जयराम ठाकुर को सलाह दी कि वे लोगों के बीच रहकर काम करें, न कि प्रेस कॉन्फ्रेंस करें। इसके अलावा, कंगना रणौत को भी इस स्थिति में राजनीति नहीं करने की सलाह दी।