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अफीम खेती करने के 11 आरोपित गिरफ्तार

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अफीम खेती करने के 11 आरोपित गिरफ्तार


खूंटी, 4 फ़रवरी (हि.स.)। अफीम की खेती के खिलाफ खूंटी जिला पुलिस ने अभियान के दौरान जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों से अफीम की खेत में काम कर रहे 11 ग्रामीणों को मंगलवार काे गिरफ्तार किया है।

गिरफ्तार आरोपितों में खूंटी थानांतर्गत ग्राम कोसेया के पंडेया मुंडा, ग्राम पोटमगढ़ा के जीतू उरांव एवं ग्राम बासाहातु के देवेंद्र पातर, मुरहू थानांतर्गत ग्राम मारूंगटोली के सुरेंद्र नायक और ग्राम तुंबाकेल के जकरियस बोदरा, अड़की थानांतर्गत ग्राम कुरंगा के बगराय मुंडा एवं सिरित तिड़ू तथा मारंगहादा थानांतर्गत ग्राम जोजोहातु के जोटो मुंडा, ग्राम सालेहातु के बोड़ा मुंडा, ग्राम सरजामा के दसाय मुंडा और चमर सिंह टूटी शामिल हैं।

गिरफ्तार आरोपितों के विरुद्ध संबंधित थाना में एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज कर सभी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। ‌यह जानकारी एसपी अमन कुमार ने मंगलवार को अपने कार्यालय कक्ष में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी।

एसपी ने बताया कि अफीम की खेती के खिलाफ जिला पुलिस द्वारा 11 दिसंबर से चलाए जा रहे अभियान के दौरान अब तक 3600 एकड़ जमीन में लगी अफीम की खेती को ट्रैक्टर आदि संसाधनों के द्वारा नष्ट किया गया है। साथ ही सायको थाना क्षेत्र के एक ग्राम प्रधान सहित जिला में कुल 38 आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। एसपी ने बताया कि इस दौरान ग्रामीणों को लगातार जागरूक भी किया जा रहा है। जागरूकता कार्यक्रम से प्रभावित होकर 60 से अधिक गांवों के ग्रामीणों ने स्वयं से लगभग 500 एकड़ में लगी अफीम की फसल को नष्ट किया है। एसपी ने कहा कि इस बार अफीम की खेती के विनष्टीकरण के लिए शुरू से ही ट्रैक्टर आदि संसाधनों का उपयोग किया जा रहा है। प्रतिदिन दो-ढाई सौ पुलिस बल के साथ 15 से 20 ट्रैक्टर को इस अभियान में लगाया जा रहा है। इस वजह से इस बार प्रतिदिन व्यापक पैमाने पर अफीम की खेती को नष्ट करने में सफलता मिल रही है।

एसपी ने बताया कि 5 फरवरी से अगले 15 दिनों तक अफीम विनष्टीकरण कार्य को और तेज किया जाएगा। इसके लिए पुलिस हेडक्वार्टर से 400 से अधिक पुलिस बल उपलब्ध कराए गए हैं, जिन्हें अफीम विनष्टीकरण अभियान में ही लगाया जाएगा। इस दौरान ड्रोन से अफीम खेती की मैपिंग कर अफीम की खेती को नष्ट किया जाएगा। एसपी ने ग्रामीणों से स्वयं से अफीम की खेती को नष्ट करने की अपील करते हुए बताया कि अगर ग्रामीण स्वयं से अफीम की फसल को नष्ट करेंगे तो उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। और अगर पुलिस अफीम की खेती को नष्ट करती है तो जमीन मालिकों के साथ ही खेती करने वाले ग्रामीणों के विरुद्ध कानून के अनुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी। एसपी ने कहा कि अफीम की अवैध खेती में संलिप्त पाए जाने पर किसी को भी बक्शा नहीं जाएगा चाहे वह ग्रामीण जनप्रतिनिधि ही क्यों ना हो।

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हिन्दुस्थान समाचार / अनिल मिश्रा