ग्वालियर में स्कूली बच्चों को सस्ती दर पर किताबें व यूनीफॉर्म दिलाने के लिये लगेगा मेला
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- ब्लैक स्पॉट को दुर्घटना मुक्त बनाने, हाईरिस्क गर्भवती माताओं की जाँच, उपार्जन के लिये किसानों के पंजीयन व बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी सहित अन्य कार्यक्रमों की भी हुई समीक्षा
ग्वालियर, 24 फरवरी (हि.स.)। स्कूली बच्चों को सस्ती दर पर किताबें, यूनीफॉर्म व स्टेशनरी उपलब्ध कराने के लिये ग्वालियर में तीन दिवसीय मेला लगाया जायेगा। अगले माह यानि मार्च में लगने जा रहे इस मेले में जिले में संचालित सीबीएसई, आईएसई एवं एमपी बोर्ड से संबद्ध सभी प्रायवेट स्कूलों के पाठ्यक्रम के अनुसार पुस्तकें व यूनीफार्म उपलब्ध रहेंगीं। कलेक्टर रुचिका चौहान ने सोमवार को अंतरविभागीय समन्वय बैठक में इस मेले की तैयारियां करने के निर्देश जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी व जिला शिक्षा अधिकारी को दिए।
कलेक्ट्रेट के सभागार में हुई बैठक में कलेक्टर ने निर्देश दिए कि सभी प्रायवेट स्कूलों से उनके पोर्टल पर निर्धारित शुल्क व पाठ्यक्रम अपलोड कराएं। साथ ही पाठ्यक्रम के अनुसार मेले में पुस्तकें लाने के लिये दुकानदारों को सूचित कर दें। उन्होंने मेला की तिथि व आयोजन स्थल जल्द से जल्द निर्धारित करने के निर्देश भी दिए। बैठक में बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी, समर्थन मूल्य पर गेहूँ व सरसों के उपार्जन के लिये किसानों का पंजीयन, जिला सड़क सुरक्षा व यातायात समितियों की बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार ब्लैक स्पॉट को दुर्घटना मुक्त बनाने के लिये आवश्यक सुधार कार्य, हाईरिस्क गर्भवती माताओं के सुरक्षित प्रसव की व्यवस्था, गौशालाओं की जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराना, सीएम हैल्पलाइन, स्कूली बच्चों की अपार आईडी बनाने का काम, बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी, स्वच्छ सर्वेक्षण की तैयारी व वेट लैंड सर्वे सहित शासन के अन्य कार्यक्रमों की समीक्षा की गई।
बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी विवेक कुमार, अपर कलेक्टर कुमार सत्यम व टी एन सिंह सहित जिले के सभी एसडीएम व विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद थे।
हाईरिस्क गर्भवती माताओं को प्रसव से पाँच से छह दिन पहले भर्ती कराएँ
कलेक्टर रुचिका चौहान ने बैठक में सभी एसडीएम को निर्देश दिए कि वे अपने-अपने क्षेत्र के चिन्हित अस्पतालों में हाईरिस्क वाली गर्भवती माताओं की जाँच के लिये सुव्यवस्थित ढंग से क्लीनिक संचालित कराएँ। इस दौरान हाईरिस्क वाली गर्भवती माताओं का चिन्हांकन कराएँ। साथ ही उनकी सोनोग्राफी, हीमोग्लोबिन व यूरिन की जाँच भी कराई जाए। ज्ञात हो मातृ एवं शिशु मृत्यु दर पर प्रभावी अंकुश लगाने के उद्देश्य से सरकार द्वारा प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत हर माह 9 व 25 तारीख को चिन्हित अस्पतालों में एचआरपी क्लीनिक का आयोजन किया जा रहा है। इसी कड़ी में 25 फरवरी को जिले के 23 अस्पतालों में एचआरपी क्लीनिक लगेंगे और हाईरिस्क गर्भवती माताओं की नि:शुल्क जाँचें की जायेंगीं।
किसानों को बताएँ कि बिना पंजीयन के समर्थन मूल्य पर नहीं बेच पायेंगे उपज
कलेक्टर ने समर्थन मूल्य पर गेहूँ व सरसों के उपार्जन के लिये किसानों के पंजीयन में तेजी लाने पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि किसानों को बतायें कि वे अपना पंजीयन अवश्य करवा लें, यदि पंजीयन नहीं करायेंगे तो मंडी में भाव कम होने पर उपार्जन केन्द्र पर अपना अनाज नहीं बेच पायेंगे। जिले में किसानों के पंजीयन के लिये वर्तमान में 37 खरीदी सह केन्द्र संचालित हैं। कलेक्टर ने फार्मर आईडी व ईकेवायसी के काम में तेजी लाने के निर्देश दिए। साथ ही कहा कि सभी खरीदी केन्द्रों पर छाया, पेयजल व शौचालय इत्यादि की पुख्ता वयवस्था की जाए।
जिले में चिन्हित हर ब्लैक स्पॉट को दुर्घटना मुक्त बनाने के लिये करें पुख्ता उपाय
कलेक्टर ने जिले के सभी सड़क मार्गों पर दुर्घटना के लिहाज से चिन्हित सभी ब्लैक स्पॉट को दुर्घटना मुक्त बनाने के लिये आवश्यक उपाय करने के निर्देश सड़क निर्माण से जुड़े विभागों को दिए। उन्होंने इस दिशा में अब तक हुए कार्य का प्रजेंटेशन देखा और अगली बैठक से पहले सभी ब्लैक स्पॉट पर आवश्यक कार्य कराकर फोटोग्राफ सहित प्रजेंटेशन देने के निर्देश दिए।
गौशालाओं को चारागाह के लिये चरनोई भूमि उपलब्ध कराएँ
बैठक में कलेक्टर ने जिले के सभी एसडीएम को निर्देश दिए कि गौशालाओं से जुड़ी जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराएँ। यदि गौशाला के पास जमीन उपलब्ध न हो तो गाँव की चरनोई भूमि को गौशाला के चारागाह के लिये आवंटित करने की कार्रवाई की जाए। हर गाँव में कम से कम दो प्रतिशत जमीन चरनोई के लिये होना चाहिए।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर