(लीड) असम में निवेश की बाढ़, 2.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक के प्रोजेक्ट घोषित
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गुवाहाटी, 25 फरवरी (हि.स.)। असम में औद्योगीकरण की बयार तेज हो गई है। एडवांटेज असम 2.0 के पहले ही दिन राज्य को 2.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। रिलायंस, अडानी, टाटा और वेदांता सहित देश के प्रमुख उद्योगपतियों ने इस सम्मेलन में भाग लिया और असम में निवेश की नई संभावनाओं पर चर्चा की।
असम में निवेश का नया दौर शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री डॉ हिमंत बिस्व सरमा ने उद्घाटन भाषण में कहा कि असम कभी देश के अशांत राज्यों में गिना जाता था, लेकिन अब यह देश के सबसे शांत राज्यों में से एक बन चुका है। इस सकारात्मक बदलाव के कारण देश-विदेश के बड़े उद्योगपति असम में निवेश के लिए आकर्षित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर में बुनियादी ढांचे और कनेक्टिविटी में सुधार हुआ है, जिससे असम एक प्रमुख निवेश केंद्र बन गया है।
रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा कि उनकी कंपनी ने 2018 में एडवांटेज असम के दौरान 5,000 करोड़ रुपये के निवेश का वादा किया था, जिसे बढ़ाकर अब 12,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है। इसी तरह, अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी ने असम को अगला 'गुजरात' बनने की संभावना जताई और 50,000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश की घोषणा की।
बड़े औद्योगिक समूहों द्वारा घोषित प्रमुख निवेश में रिलायंस असम में 800 से अधिक नए खुदरा स्टोर खोलने और राज्य के खाद्य और गैर-खाद्य उत्पादों के लिए एक नया बाजार विकसित करने की योजना बना रहा है। इससे असम के कृषि उत्पादों को नया बाजार मिलेगा।
इसके अलावा, अडानी ग्रुप गुवाहाटी हवाई अड्डे के बाद अब असम के अन्य परिवहन क्षेत्रों में भी निवेश कर रहा है। इससे स्थानीय परिवहन और लॉजिस्टिक्स कंपनियों के सामने प्रतिस्पर्धा बढ़ सकती है।
इन निवेशों से लाखों नौकरियां पैदा होंगी। टाटा ग्रुप के सेमीकंडक्टर प्लांट से एक लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा, जबकि रिलायंस और अडानी के प्रोजेक्ट्स से हजारों नए रोजगार सृजित होंगे।
गौतम अडानी ने अपने भाषण में कहा कि असम अब उसी रास्ते पर बढ़ रहा है, जिस पर 2003 में गुजरात ने औद्योगिक विकास की शुरुआत की थी। उन्होंने संकेत दिया कि असम भविष्य में भारत के औद्योगिक मानचित्र पर एक प्रमुख राज्य बन सकता है।
निवेशकों की भारी दिलचस्पी से यह साफ है कि असम भारत का नया औद्योगिक केंद्र बनने की ओर बढ़ रहा है। हालांकि, सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि यह विकास असम की सांस्कृतिक और पारंपरिक जड़ों को बनाए रखते हुए हो।
एडवांटेज असम 2.0 के पहले दिन की समाप्ति तक, सरकार ने यह नहीं बताया कि कुल कितने निवेश प्रस्तावों पर आधिकारिक मुहर लगी, लेकिन विभिन्न समूहों से प्राप्त निवेश आश्वासन 2.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक का हो चुका है। अब यह देखना होगा कि इन घोषणाओं का असम की अर्थव्यवस्था और समाज पर क्या प्रभाव पड़ता है।
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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश